दादी-नानी के नुस्‍खे : इन घरेलू नुस्‍खों से खत्‍म होगा माइग्रेन

माइग्रेन कारण कई घंटो तक लगातार दर्द बना रहता है। आज दादी-नानी के नुस्‍खे में हम आपको माइग्रेन से बचने के कुछ घरेलू उपचार बतायेंगे।

दिमाग में रसायनों के असंतुलन के कारण होता है। मौसम में बदलाव होने से भी माइग्रेन हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द अचानक से शुरू होता है। और अपने आप ठीक भी हो जाता है। माइग्रेन होने पर तनाव, बेचैनी और थकान होती है। माइग्रेन उम्र के किसी भी पडाव में हो सकता है।

अगर माइग्रेन हो तो सबसे पहले हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम किसी दवा से ज्यादा असर करता है। सरदर्द होने पर कंधों और गर्दन की भी मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द से राहत मिलती है।

एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। माइग्रेन में बर्फ के टुकडों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

सिर दर्द होने पर अपनी सांस की गति को थोड़ा धीमा कर दीजिए, लंबी सांसे लेने की कोशिश बिलकुल मत कीजिए। आराम से सांस लेने से आपको दर्द के साथ होने वाली बेचैनी से भी राहत मिलेगी।

माइग्रेन में दर्द होने पर कपूर को घी में मिलाकर सिर पर हल्के हाथों से मालिश कुछ देर तक मालिश कीजिए।

बटर में मिश्री को मिलाकर खाने से माइग्रेन में राहत मिलती है।

नींबू के छिलके को पीसकर, इसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द से राहत मिलती है और माइग्रेन ठीक होता है।

माइग्रेन में अरोमा थेरेपी सिरदर्द से राहत दिला सकती है। अरोमा थेरेपी में हर्बल तेलों का प्रयोग किया जाता है। इसमें हर्बल तेलों को एक तकनी‍क के माध्यम से हवा में फैला दिया जाता है और उसके बाद भाप के जरिए तेलों को चेहरे पर डाला जाता है।

माइग्रेन में सिर दर्द होने पर धीमी आवाज में संगीत सुनना बहुत फायदेमंद होता है। दर्द से राहत पाने के‍ लिए बंद कमरे में हल्की आवाज में अपने पसंदीदा गानों को सुनिए, सिरदर्द कम होगा और आपको राहत मिलेगी।

माइग्रेन से बचने के लिए आप अपनी खान-पान और जीवनशैली में बदलाव कीजिए। तनाव और ज्यादा भागदौड के कारण भी माइग्रेन होता है। ज्यादा तेज सिरदर्द होने पर आप चिकित्सक से भी संपर्क कर सकते हैं।

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