तेल चोरी मामले में चार पेट्रोल पंप मालिक समेत 23 हुए गिरफ्तार

तेल चोरीलखनऊ| राजधानी के सात पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए तेल चोरी किए जाने के मामले में पुलिस ने चार पेट्रोल पंप मालिकों व नौ पंप प्रबंधकों सहित 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मशीनों में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाने वाला बाराबंकी का इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र भी शामिल है। पूरे आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में सात मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक के मुताबिक पुलिस ने तेल चोरी के मामले में आरोपी पेट्रोल पंप संचालक हुसैनगंज के पुराना किला निवासी शरद चंद्र वैश्य, हुसैनगंज के अमन मित्तल व उनके भाई अनूप मित्तल व गोमतीनगर के आनंद कुमार राय को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मड़ियांव के राजन अवस्थी, बाराबंकी के इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र, इंदिरानगर के विजेंद्र भदौरिया, ठाकुरगंज के अशोक पाल, बख्शी का तालाब के राकेश, बाराबंकी के दुर्गेश, मड़ियांव के प्रेम ओझा, फैजाबाद के गोविंद पांडेय, डाल कुमार ओझा, हरदोई के कमलेश, बाजारखाला के बबलू मिश्र, माल एवेन्यू के अजरुन, चिनहट के अखिलेश, त्रिवेणीनगर के विनोद, तेलीबाग के देवेंद्र रावत, फैजाबाद के मातादीन, सआदतगंज के हसीब, सीतापुर के चंदन व डालीगंज के मोहित यादव को भी गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों के कब्जे से 15 इलेक्ट्रॉनिक चिप व 29 रिमोट बरामद हुए हैं।

आपको बता दें कि सरकार ने बार-बार अपने नियमों को सख्त किया। सुप्रीम कोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल पंपों पर मिलावट और अन्य धांधलियों में कोई कमी नहीं आई। उप्र में पेट्रोल पंपों में आधुनिक मशीन का इस्तेमाल कर पेट्रोल व डीजल घटतौली की घटना बताती है कि धांधली अभी बदस्तूर जारी है।

अब मंत्रलय के स्तर पर एक बार फिर नए नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। अगस्त, 2016 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पंपों पर नई अत्याधुनिक डिस्पेंसिंग मशीन लगाने की योजना है। मिलावट वाले पेट्रोल व डीजल के आने पर मशीन काम करना ही बंद कर देंगी।

केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान का कहना है कि कमी पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
सरकार की कोशिशें बेअसर : पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सरकार की कोशिशों का बहुत बड़ा असर नहीं पड़ा है। अगस्त, 2016 में मंत्रालय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि तीन वर्षो में घटतौली या मिलावट के देश भर में 3000 मामले सामने आए हैं। साढ़े तीन वर्षो में 176 पेट्रोल पंपों के लाइसेंस विभिन्न गड़बड़ियों की वजह से रद किए गए।

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