ढाई माह तक ताजमहल का होगा मडपैक ट्रीटमेंट
लखनऊ| दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल अगले ढाई महीने तक लोहे के पाइप की पाड़ से ढका रहेगा। मुख्य मकबरे के फ्रंट पर प्रदूषण के दाग मिटाने के लिए मडपैक करने को ये पाड़ बांधी जाएगी। अधिकांश सैलानी वीडियो प्लेटफार्म और सेंट्रल टैंक से ताज दीदार की यादें संजोने को फोटोग्राफी कराते हैं। पाड़ बंधी होने से उनका व्यू खराब होगा।
प्रदूषण की वजह से ताज पीला पड़ रहा है। संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा द्वारा अभी ताज के पश्चिमी भाग पर मडपैक ट्रीटमेंट (मुल्तानी मिट्टी का लेप) कराया जा रहा है। 31 मार्च को ये काम रुक गया था। अब मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद रसायन शाखा ने मुख्य मकबरे के पश्चिमी हिस्से में मडपैक दोबारा शुरू करा दिया है। इसके बाद 20 मई से मुख्य मकबरे के सामने वाले भाग में मडपैक ट्रीटमेंट कराया जाएगा। इसके लिए जल्द ही लोहे के पाइपों से पाड़ बांधी जाएगी। ये पाड़ इतनी ऊंची और घनी होगी कि ताज के फ्रंट फेस पूरी तरह से ढक जाएगा।
ये काम जुलाई तक पूरा कराने की तैयारी है। मुख्य मकबरे के सामने का हिस्सा साफ करने के बाद एएसआइ ताज के गुंबद पर मडपैक कराएगी। इसके लिए उसके चारों ओर पाड़ बांधनी होगी। इस दौरान विभाग दक्षिण-पूर्वी मीनार पर भी मडपैक कराने पर विचार किया जा रहा है। मीनार पर संरक्षण कार्य के लिए करीब दो वर्ष से पाड़ बंधी हुई है। अब यहां पर मडपैक होना है।
अधीक्षण पुरातत्वज्ञ रसायन एमके भटनागर ने बताया कि हम सैलानियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। मई, जून और जुलाई में पर्यटन सीजन(अक्टूबर से मार्च) की अपेक्षा कम सैलानी ताज देखने आते हैं।