तय हो गई केजरीवाल की विदाई, केंद्र सरकार लगाएगी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन!

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी स्वराज अभियान पार्टी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली आयोजित की. रैली में पार्टी नें दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर केंद्र, राज्य और निगम सरकारों से सवाल किए. प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव की इस रैली में मुख्य निशाना सिर्फ और सिर्फ दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल रहे।

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने इस अवसर पर अपने पुराने राजनैतिक साथी अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना भी साधा. स्वराज अभियान की इस रैली में बोलते हुए पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और सुप्रीम के वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने एक ऐसा दावा किया है जिससे केजरीवाल और उनकी सरकार की नींद उड़ जाएगी।

शांति भूषण ने दावा करते हुए कहा कि केजरीवाल संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं और उनके इस रवैये से खफा केंद्र सरकार इस साल दिल्ली सरकार को हटा कर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।

एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए शांति भूषण ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के संविधान को समझा ही नहीं है और सदैव संविधान के खिलाफ काम किया है।

शांति भूषण के अनुसार केंद्र ने एक जांच कमेटी बनाई थी जिसने अपनी रिपोर्ट में केंद्र को बताया है की ‘दिल्ली की सरकार कहती है कि हमें पूरा अधिकार है जबकि संविधान इन्हें अधिकार नहीं देता’ जबकि संविधान में लिखा है कि अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ काम करती है तो उसे हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के सवाल पर भूषण ने कहा कि संविधान में धारा इतनी स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को पलट ही नहीं सकता. अगर कोई चुनी हुई सरकार जिसे चुनाव में 90% सीट आयीं हों अगर वो भी संविधान के खिलाफ काम करेगी तो उसे हटाया जा सकता है।

भूषण के अलावा योगेन्द्र यादव ने भी केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला. यादव ने राइट टू रिकॉल की बात करते हुए कहा कि केजरीवाल दोबारा विश्वासमत जीतें. तथा एमसीडी चुनाव के 272 वार्ड में से अगर उनकी पार्टी को 136 से कम सीट मिली तो केजरीवाल इस्तीफा भी दे दें।

 

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