डोबरा चांटी पुल पर जल्द ही शुरु होगा आवागमन, दक्षिण कोरिया कंपनी को दिया था पुल निर्माण का काम

रिपोर्ट-Balwant Rawat

टिहरी- बाँध की झील बनने से प्रतापनगर के सैकड़ों गांव का संर्पक जिला मुख्यालय से कट गया था जिसके चलते लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर आने में 150 किमी का लम्बा चक्कर लगाना पड़ता था और जिसके कारण समय व धन दोनों बरबाद होते थे. तब इस क्षेत्र को काला पानी क्षेत्र की संज्ञा दी जाने लगी.

पुल

लेकिन डोबरा चांटी पुल बन जाने से जिला मुख्यालय की दूरी काफी कम हो जायेगी जिसे धन व समय दोनों बचेंगे। पुल का निर्माण वर्ष 2006 में शुरू किया गया था तब 532 मी० लम्बाई के इस पुल के निर्माण की लागत लगभग 90 करोड़ स्वीकृत कि गई थी. लेकिन बाद में डिजाइन फेल होने के बाद बर्ष 2010 में इस पर कार्य बन्द कर दिया गया।

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कालान्तर में निर्माण स्थल की जटिलताएं एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण पर गहन अध्ययन करने के बाद सेतु कुल लम्बाई 760 मी० आंकलित की गई और वर्ष 2014 में दक्षिण कोरिया की कम्पनी योशिन इंजीनियरिंग कोरपोरेशन को पुल निर्माण पुरा करने हेतु 150 करोड़ की धनराशी स्वीकृत कि गई थी. 2016 में कम्पनी द्वारा पुल निर्माण शुरु कर दिया गया था।

इस पुल निर्माण के बाद प्रतापनगर व उत्तरकाशी जिले के लोगों को आवागमन का लाभ मिलेगा और टिहरी झील के ऊपर निर्मित यह विशिष्ट पुल पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। पुल का लोकार्पण  मार्च 2020 में किया जा सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया के जरिए जानकारी दी है।

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