झरना जहां बहता है खून, पानी की तलाश में भटकती हैं आत्‍माएं

नई दिल्‍ली।  धरती के एक छोर अंटार्कटिका में जहां साल के 12 महीने बर्फ जमी रहती है, वहीं एक ऐसा वॉटरफॉल मिला है, जहां से खून के रंग का पानी निकलता है, जो एक आश्चर्य की बात है। यह सच है कि अंटार्कटिका की मैक-मरडो की घाटी स्थित टॉयलेर ग्लेशियर में एक ऐसा वॉटरफॉल है, जिससे बहने वाले पानी का रंग खून के जैसा गाढ़ा लाल है। इस वॉटरफॉल का नाम इसीलिए ब्लड फॉल पड़ गया है।

दरअसल अभी तक आप पहाड़ों से पानी निकलते देखें होगें ,लेकिन दूनिया का एक ऐसी जगह है जहां पर  पहाड़ से पानी की जगह खून निकलता है। आज आपको ऐसी ही एक जगह के बारे में बताने जा रहे है। जहां पर पहाड़ों से पानी की जगह खून निकलता है।वहीं इस जगह को लेकर लोगों का मानना है कि यहां पर आत्माओं का निवास है।

इस वाटरफॉल को देखने के लिए सैलानियों की भीड़ नहीं उमड़ती है, क्योंकि उनका मानना है कि यहां कोई आत्मा निवास करती है, जो लोगों को मार देती है और उसी से यहां के पानी का रंग लाल है। टॉयलर ग्लेशियर की खोज 1911 में अमेरिकी जीव विज्ञानी ग्रिफिथ टॉयलर ने की थी। यह ब्लड फॉल पांच मंजिला इमारत जितना उंचा है। इसके पानी में 17 प्रकार के सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं।

जीव वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लेशियर के नीचे बहने वाली झील जमकर ग्लेशियर में तब्दील हो गई और ग्लेशियर में दरार पड़ने से पीनी धीरे-धीरे बहता रहता है और पानी में मौजूद आयरन ऑक्साइड हवा के संपर्क में आकर लाल रंग का हो जाता है, जिससे पानी का रंग खून जैसा दिखाई देता है।

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