जिंदल व शरीफ की मुलाकात पर पाकिस्तानी विपक्ष ने ‘चिंता’ जताई

जिंदलइस्लामाबाद| पाकिस्तान की विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने भारतीय कारोबारी सज्जन जिंदल तथा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात पर चिंता जताते हुए पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। जिंदल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। वह फिलहाल पाकिस्तान दौरे पर हैं। उन्होंने गुरुवार को मरी में नवाज शरीफ से मुलाकात की।

डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ तथा जिंदल की बैठक से पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुलाकात निकट भविष्य में मोदी तथा शरीफ के बीच बैठक कराने की कवायद का हिस्सा हो सकती है।

विपक्षी पार्टियां सरकार द्वारा जिंदल के दौरे को मंजूरी देने तथा बैठक को ‘गुप्त’ रखने से खफा हैं।

पीटीआई ने अपने प्रस्ताव में बैठक पर गंभीर चिंता जताई है। इसके बारे में मीडिया ने जानकारी दी, लेकिन आधिकारिक पुष्टि तभी हुई, जब शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी।

मरियम ने लिखा, “जिंदल, प्रधानमंत्री के पुराने मित्र हैं। बैठक को गुप्त नहीं रखा गया और इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की जरूरत नहीं है। शुक्रिया।”

विश्लेषकों के मुताबिक, जिंदल का दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार लाने को लेकर अनौपचारिक संपर्क का एक हिस्सा हो सकता है।

ज्ञात सूत्रों का कहना है कि भारतीय खुफिया सेवाओं को बिना पूर्व सूचना दिए जेएसडब्ल्यू ग्रुप के प्रमुख जिंदल का पाकिस्तान दौरा संभव ही नहीं है।

पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने दौरे पर मचे सियासी तूफान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि केवल अनौपचारिक कूटनीति का हिस्सा होने के चलते इसे खारिज नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत तथा पाकिस्तान ने अनौपचारिक संपर्क की बदौलत कुछ बेहतरीन उपलब्धियां हासिल की हैं।

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जिंदल तथा उनका प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा, जिनकी अगवानी शरीफ के बेटे हुसैन नवाज ने की।

प्रस्ताव के मुताबिक, जिंदल के नेतृत्व वाले तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को आधिकारिक प्रोटोकॉल के तहत मरी ले जाया गया।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि चिंता का कारण बैठक का समय है, क्योंकि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव और बढ़ा है।

प्रस्ताव में कहा गया, “इन परिस्थितियों में, मोदी के निकटस्थ सहयोगी (जिंदल) की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात से लोगों में शंकाएं पैदा हुई हैं।”

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