जापान में गूंजा ‘जय श्रीराम’ का नारा, नरेंद्र मोदी के संबोधन के समय उत्साहित दिखे भारतीय

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जापान पहुंचे हैं। यहां गुरुवार को उन्होंने जापान में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के समय कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनकर हर भारतीय खुश हो जाएगा।Indian Community Japan जापान में प्रधानमंत्री जब भारतीयों को संबोधित कर रहे थे तभी उनके संबोधन के अंत में वहां उपस्थित सभी भारतीय खासे उत्साहित दिखे। जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन खत्म हुआ, समारोह स्थल पर वंदेमातरम् और जय श्री राम के नारे गूंजने लगे।

जापान के ओसाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा ‘ 7 महीने बाद एक बार फिर मुझे जापान की धरती में आने का मौका मिला है। पिछली बार जब मैं आया था तब मेरे मित्र शिंजो आबे पर भरोसा कर आपने उन्हें जिताया था। इस बार जब मैं आया हूं तब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने इस प्रधान सेवक पर पहले से ज्यादा विश्वास जताया है। 1971 के बाद देश ने पहली बार एक सरकार को प्रो-इन्कम्बेंसी जनादेश दिया है। यह जीत सच्चाई की जीत है, भारत के लोकतंत्र की जीत है। 130 करोड़ भारतीयों ने पहले से भी मजबूत सरकार बनाई है। यह बहुत बड़ी घटना है। 3 दशक बाद पहली बार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है।’

इस संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पीएम शिंजो आबे को दिल्ली के अलावा अहमदाबाद और वाराणसी ले जाने का सौभाग्य मुझे मिला। पीएम आबे मेरे संसदीय क्षेत्र और दुनिया की सबसे पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी में से एक काशी में गंगा आरती में शामिल हुए। उनकी ये तस्वीरें भी हर भारतीय के मन में बस गई हैं।

मोदी ने कहा कि लगभग दो दशक पहले, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और प्रधानमंत्री योशिरो मोरी जी ने मिलकर हमारे रिश्तों को ग्लोबल पार्टनरशिप का रूप दिया था। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, मुझे मेरे मित्र प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के साथ मिलकर इस दोस्ती को मजबूत करने का मौका मिला।
आगे मोदी ने कहा कि गांधी जी की एक सीख बचपन से हम लोग सुनते आए हैं और वो सीख थी ‘बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो’। भारत का बच्चा-बच्चा इसे भली भांति जानता है, लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता है कि जिन तीन बंदरों को इस संदेश के लिए बापू ने चुना उनका जन्मदाता 70वीं सदी का जापान है।

मोदी ने कहा जब दुनिया के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो जापान का उसमें एक अहम स्थान है। ये रिश्ते आज के नहीं हैं, बल्कि सदियों के हैं। इनके मूल में आत्मीयता है, सद्भावना है, एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान है।

मोदी ने दोबारा चुनाव जितने को लेकर कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के जिस मंत्र पर हम चल रहे हैं, वो भारत पर दुनिया के विश्वास को भी मजबूत करेगा।उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ये जनादेश मिला है। जो पूरे विश्व के साथ हमारे संबंधों को नई ऊर्जा देगा। मोदी ने आगे कहा कि लोकतंत्र के प्रति भारत के सामान्य जन की निष्ठा अटूट है। हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं और लोकतांत्रिक प्रणाली दुनिया में अग्रणी है। भारत की यही शक्ति 21वीं सदी के विश्व को नई उम्मीद देने वाली है।

मोदी ने लोगों से कहा कि 1971 के बाद देश ने पहली बार एक सरकार को प्रो इंकम्बेंसी जनादेश दिया है। ये जीत सच्चाई की जीत है, भारत के लोकतंत्र की जीत है। 130 करोड़ भारतीयों ने पहले से भी मजबूत सरकार बनाई है। ये अपने आप में बहुत बड़ी घटना है। तीन दशक बाद पहली बार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है।

आगे मोदी ने कहा कि 7 महीने बाद एक बार फिर मुझे जापान की धरती में आने का मौका मिला था। पिछले बार जब मैं आया था तब मेरे मित्र सिंजो आबे पर भरोसा कर आपने उन्हें जिताया था। इस बार जब मैं आया हूं तब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने इस प्रधान सेवक पर पहले से ज्यादा प्यार और विश्वास जताया है।

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