जाने चर्म रोगों के साथ नीम के कई और भी लाभ…

सभी नीम के बारे में तो जानते ही हैं कि यह एक औषधीय से भरपूर वृक्ष है। गर्मियों में नीम के वृक्ष की छांव ठंडक तो देती ही है, साथ-साथ इस वृक्ष की छाल,पत्ती तथा फल सभी चीजें कई प्रकार से लाभदायक होती हैं। इस पेड़ के हर भाग को आयुर्वेद में औषधी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। ये चर्म रोगों में लाभदायक होती है। इस कारण कई सौंदर्य प्रसाधनों में भी नीम का इस्तेमाल किया जाता है। ये संक्रमण को रोकने में भी समर्थ होती है। चर्म रोगों के साथ नीम के कई और भी लाभ हैं।

वही रसोई में कभी-कभी कार्य करते वक़्त हाथ जल जाता है, तो उस जले हुए स्थान पर नीम की पत्तियों को पीस कर लगाने से ठंडक प्राप्त होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो चोट को बढ़ने नहीं देते तथा उसे शीघ्र भरने में सहायता करते हैं। साथ ही नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से चर्म रोग, जैसे- फोड़े-फुंसी तथा फंगल इंफेक्शन में राहत प्राप्त होती है। फोड़े-फुंसी कि वजह से हुए घावों पर नीम के पत्ते पीसकर लगाने से घाव शीघ्र ही भरने लगते है। नीम के पत्तों का फेस पैक बनाकर लगाने से त्वचा के मुंहासे नष्ट होते हैं।

पहले के वक़्त में व्यक्ति नीम की लकड़ी से दातून करते थे। इससे दांत तथा मसूड़े स्ट्रांग बनते हैं। इसके उपयोग से दांतों में पायरिया की शिकायत भी नहीं होती है, जिससे मुंह की दुर्गंध में भी सुकून प्राप्त होता है। वही कान में दर्द होने पर नीम का तेल लाभदायक रहता है। यदि किसी का कान बहता है तो भी नीम का ऑइल उसके लिए असरकारक है, किन्तु अधिक दिक्कत होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। इसके साथ ही नीम बेहद ही असरकारक पौधा है।

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