जानिए ऐसा क्या हुआ जो गोरिल्‍ला बोला, ‘बेवकूफ हैं इंसान’

कैलिफॉर्निया। जिस बात की गंभीरता इंसानों को समझनी चाहिए उसे एक जानवर ने महसूस किया है। इंसान प्रक़ति और पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं और जानवर इसके लिए चिंता जता रहे हैं। इस बार एक गोरिल्‍ला ने यह संजीदगी और जिम्‍मेदारी निभायी है।कैलिफॉर्निया के एक चिड़ियाघर में रहने वाली कोको गोरिल्ला ने इंसानों से धरती को बचाने का संवेदनशील संदेश जारी किया है।

हालांकि यह संदेश उसने इशारे से दिया है, जिसकी स्क्रिप्ट फ्रांस के एनजीओ ‘एनआई कंजरवेशन’ ने तैयार की है। यानी उसके संकेत को एनजीओ ने स्क्रिप्ट में बदला है। चूंकि उसने साइन लैंग्वेज सीखी हुई है तो उसने आसानी से यह संदेश दे दिया।

यह है संदेश

एक वीडियो संदेश में कोको ने इशारों में कहा कि इंसान इतना बड़ा बेवकूफ है कि खुद ही इस धरती को नुकसान पहुंचा रहा है। वह कहता है, मैं गोरिल्ला हूं… मैं फूल हूं, जानवर हूं… मैं नेचर हूं… मैं इंसान को प्यार करता हूं। धरती को प्यार करता हूं, लेकिन इंसान तो बेवकूफ है। कोको सॉरी, कोको क्राई। धरती की परेशानी को समझो, समस्या का समाधान करो। धरती को जल्द बचाओ। कुदरत देख रही है।

संकेतों में कह सकते हैं अपनी बात

कैंब्रिज में वेलकम ट्रस्ट सांगेर इंस्टिट्यूट की रिसर्च के मुताबिक इंसान और गोरिल्ला में कई समानताएं पाई गईं। वे इंसान से थोड़ा कम समझदार होते हैं। उन्हें सांकेतिक भाषा सिखाई जा सकती है जिसके जरिए वे अपनी बात इशारों में बताते हैं।

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गोरिल्ला में भी इंसानों की तरह डिमेंशिया और हार्ट फेल जैसी बीमारियां पाई जाती हैं। कोको 1979 से कैलिफॉर्निया के चिड़ियाघर में रह रही है। यह मादा गोरिल्ला अमेरिकी सांकेतिक भाषा के 2000 शब्दों को समझ सकती है। यह अंग्रेजी के भी 1000 शब्द आसानी से समझ लेती है।

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