इंसेफलाइटिस को रोकने का उपाय करेगी सरकार : नड्डा

जानलेवा इंसेफलाइटिसनई दिल्ली| केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार जानलेवा इंसेफलाइटिस के गंभीर मुद्दे को लेकर चिंतित है और इस चुनौती से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

जानलेवा इंसेफलाइटिस

नड्डा ने लोकसभा में कहा, “हम अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं। हमने राज्यों को वित्तीय व प्रौद्योगिकी सहायता मुहैया कराई है। लेकिन स्वास्थ्य मूलत: राज्य का विषय है, इसलिए कार्यान्वयन का जिम्मा राज्यों का है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस बीमारी ने ‘तबाही’ मचा रखी है और यह पश्चिम बंगाल व असम तक फैल चुका है।

नड्डा ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ जीवन की जिम्मेदारी निश्चित तौर पर केंद्र की है और मोदी सरकार लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अस्तित्व में आने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान होगा।

नड्डा ने कहा कि राज्य सरकारें अक्सर केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराए गए कोष का इस्तेमाल नहीं कर पातीं और रोगों को रोकने का भी प्रयास नहीं करतीं।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के सहयोग के बावजूद, उत्तर प्रदेश में 20 में से केवल 10 पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) को लगाया जा सका। राज्य में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सो तथा कर्मचारियों की भारी संख्या में रिक्तियों से कार्यक्रम का कार्यान्वयन प्रभावित हो रहा है।”

नड्डा ने कहा, “एक अप्रैल तक 33.47 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं हो पाई थी। राज्य को रोगवाहक जनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए इस साल 17.50 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया। प्रभावी रोग नियंत्रण के लिए कोष की क्षमता में सुधार की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “चिकित्सकों की तैनाती के लिए केंद्र पैसे दे सकता है। लेकिन जिलों व सुदूरवर्ती क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती करना राज्य की जिम्मेदारी है। यह समझने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों पर भी यही बातें लागू होती हैं। इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कुछ टिप्पणियां कीं।

चौैधरी ने कहा कि उनके राज्य के लगभग आठ जिले इंसेफलाइटिस से प्रभावित हैं और पश्चिम बंगाल की सरकार बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं है।

चौधरी की इस टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने उनका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के झूठ के कारण कांग्रेस को चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।

माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने दुख जताते हुए कहा कि टीकाकरण होने के बावजूद बीमारी को फैलने से रोका नहीं जा सका है।

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