जर्मनी ने बुलेट ट्रेन का अंतिम व्यवहार्यता रिपोर्ट पेश किया

नई दिल्ली। भारतीय रेल ने मैसूर-बेंगलुरू-चेन्नई गलियारे के 435 किलोमीटर लंबे हाईस्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) का अंतिम व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिया है। यह रिपोर्ट रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी को जर्मनी के भारत में उच्चाधिकारी मार्टिन ने यहां रेल मंत्रालय में सौंपा।

बुलेट ट्रेन

इस रिपोर्ट के बारे में जर्मनी के उच्चाधिकारी ने कहा, “शोध का मुख्य नतीजा यह रहा है कि इस मार्ग पर हाई स्पीड रेल चलाना न सिर्फ व्यवहार्य है, बल्कि प्रबंधनीय भी है।”

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट 18 महीनों में पूरी की गई है और इसका पूरी तरह से जर्मनी की सरकार ने वित्तपोषण किया है।

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट करने योग्य है, लेकिन आगे का कदम उठाने से पहले इसका अध्ययन किया जाएगा।

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रेल मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 435 किलोमीटर लंबे मार्ग का अनुमानित खर्च करीब 16 अरब डॉलर (1 लाख करोड़ रुपये) है।

अधिकारी ने कहा कि 435 किलोमीट का 84 फीसदी ट्रैक एलीवेटेड होगा और 11 फीसदी सुरंग में होगा।

उन्होंने कहा, “बुलेट ट्रेन चेन्नई से मैसूर की 435 किलोमीटर लंबी दूरी दो घंटा 25 मिनट में तय करेगी, जबकि अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।”

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