छठ के पावन पर्व पर इन मंदिरों में की जाती है भगवान सूर्य की पूजा

छठछठ का पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व होता है. इस पर्व पर लोग बड़े-बड़े सूर्य मंदिरों में जाकर भगवान सूर्य की पूजा और उपासना करते हैं. देव सूर्य की आराधना और उपासना का यह पर्व मंगलवार को शुरू हो चुका है. इस पर्व में भगवान सूर्य की सुबह शाम करके तीन दिन तक पूजा की जाती है. छठ की पूजा और व्रत सभी महिलाएं अपने बेटे की लम्बी उम्र के लिए करती हैं. चलिए आज हम आपको छठ पूजा के इस पावन पर्व पर बताएंगे कि देश के इन प्रसिद्ध मंदिरों में सूर्य भगवान की पूजा की जाती है.

कोणार्क सूर्य मंदिर   

ओडिशा के कोणार्क में रथ के आकार में बनाया गया सूर्य मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर लगता है. इस  मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था. यह मंदिर अपनी आकृति और शिल्पकला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य देवता के रथ में 12 पहिए हैं और रथ को खींचने के लिए उसमें 7 घोड़े हैं. रथ के आकार में बने कोणार्क मंदिर में भी पत्थर के पहिए और घोड़े बनाए गए हैं. यहां के सूर्य भगवान की मूर्ति को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखी गई है और अब यहां कोई भी मूर्ति नहीं है.

सूर्य मंदिर मोढ़ेरा 

गुजरात के अहमदाबाद से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर यह प्रसिद्ध मंदिर बसा हुआ है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट भीमदेव सोलंकी प्रथम ने करवाया था. सोलंकी सूर्यवंशी थे और वे सूर्य को कुलदेवता के रूप में पूजते थे. इसलिए उन्होंने अपने कुलदेवता की पूजा अर्चना के लिए भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया.

मार्तंड सूर्य मंदिर, अनंतनाग

इस मंदिर का निर्माण मध्यकालीन युग में 7वीं से 8वीं शताब्दी में हुआ था. सूर्य राजवंश के राजा ललितादित्य ने इस मंदिर की स्थापना जम्मू कश्मीर के एक छोटे से शहर अनंतनाग के पास एक पठार के ऊपर करवाया था. इसमें 84 स्तंभ हैं, जो नियमित अंतराल पर रखे गए हैं. इस मंदिर को बनाने के लिए चूने के पत्थर की चौकोर ईटों का उपयोग किया गया है,  जो उस समय के कलाकारों की कलाकारी को दर्शाता है.

बेलाउर सूर्य मंदिर, बिहार

बिहार के भोजपुर जिले के बेलाउर गांव के पश्चिमी एवं दक्षिणी छोर पर स्थित बेलाउर सूर्य मंदिर बहुत ही पुराना मंदिर है. यह मंदिर राजा द्वारा बनवाए 52 पोखरों में से एक पोखरे के बीच में बनाया गया है  यहां पर छठ महापर्व के दौरान हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से इस स्थान पर छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

झालरापाटन सूर्य मंदिर

राजस्थान के झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को घाटियों का शहर कहा जाता है. शहर के बीचो-बीच स्थित सूर्य मंदिर झालरापाटन का प्रमुख दर्शनीय स्थल है. वास्तुकला की दृष्टि से भी यह मंदिर बहुत अहम् है. इसका निर्माण दसवीं शताब्दी में मालवा के परमार परमार वंश के राजाओं ने करवाया था. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की भव्य मूर्ति रखी गई है.

सूर्य मंदिर, रांची

यह मंदिर रांची से 39 किलोमीटर की दूरी पर बुंडू के पास स्थित है. संगमरमर से बने इस मंदिर का निर्माण 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर विराजमान भगवान सूर्य के रूप में किया गया है. हर साल  25 जनवरी को यहां विशेष मेले का आयोजन किया जाता है.

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