चीन को अगला झटका देने की तैयारी, कुछ इस तरह से बदल सकती है तस्वीर

कास्मेटिक इंडस्ट्री अभी तक चीन से आयात होने वाले कच्चे माल को लेकर कोई नीतिगत निर्णय़ नहीं ले पाया है। लेकिन यह भी सच है कि कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच इस दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच चीन का बाजार सिमटा है। इसी बीच भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई उद्योगों ने अब अपने उत्पादों को कम कीमत पर बाजार में उपलब्ध करवाने की मुहिम शुरु कर दी है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड औऱ हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र में कई हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने वाले उद्योग स्थापित हैं और वह बड़े स्तर पर उत्पादन शुरु कर चुके हैं। जिसके बाद इन हर्बल प्रोडक्ट के सहारे ही विदेशी सामान को चुनौती देने की प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड की 327 कास्मेटिक इकाइयों में चीना का सालाना कारोबार तकरीबन 1200 करोड़ का है। हर्बल कास्मेटिक के बढ़ते चलन से चीन को बड़ा झटका लग सकता है।

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