चाणक्य नीति

एक सच्चा भोजन वह है जो ब्राह्मण को देने के बाद शेष है। प्रेम वह सत्य है जो दुसरो को दिया जाता है। खुद से जो प्रेम होता है वह नहीं। वही बुद्धिमत्ता है जो पाप करने से रोकती है। वही दान है जो बिना दिखावे के किया जाता है।

चाणक्य नीति

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