ये कबाब था लखनऊ के बीमार नवाबों का शौक

गिलौटी कबाबलखनऊ जितना तहजीब के लिए फेमस है, उतना ही लाजवाब यहां का खाना है. यहां के कबाब दुनियाभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं. आज की गिलौटी कबाब की रेसिपी बेहद खास है, जिसे लखनऊ के नवाब खुश होने पर नहीं बीमार होने पर खाते थे. गिलौटी कबाब की खास बात यह है कि इसे मुंह में रखते ही यह घुल जाता है.

लखनऊ के बीमार और बूढ़े नवाबों ने अपने खास बावर्ची से ऐसे मुलायम कबाब बनाने की फरमाइश की, जिसे वे अपने बिना दांतों वाले मुंह से खा सकें.

गिलौटी कबाब बनाने की विधि

सामग्री

1 किलो- बकरे का लेग पीस

30 ग्राम- चना दाल

50 ग्राम- अदरक

50 ग्राम- लहसुन

75 ग्राम- कच्चे पपीते का गूदा

50 ग्राम- बटर

1 चम्‍मच- काली मिर्च पाउडर

1/2 चम्‍मच- जावित्री

1 चम्‍मच- हरी इलायची

घी या तेल- आवश्यकतानुसार

विधि

सबसे पहले एक पैन में 3 चम्‍मच दाल को हल्‍का रोस्‍ट कर लीजिये।

जब दाल रोस्‍ट हो जाए तब इसे मिक्‍सर में डालिये और फिर उसमें काली मिर्च पाउडर, सूखी लाल मिर्च, जावित्री और हरी इलायची के दाने मिलाइये और बारीक पाउडर में पीस लीजिये।

दूसरी ओर बकरे के लेग पीस का बहुत बारीक काट लीजिये।

अब अदरक और लहुसन को छील कर उनके बारीक टुकड़े कर लीजिये।

इसी तरह से पपीते के भी टुकड़े कर लीजिये और उसे भी मिक्‍सी में बारीक पीस लीजिये।

अब मीट में अदरक लहसुन का पेस्‍ट और पपीते का पेस्‍ट अच्‍छी तरह से मिला दीजिये।

मीट में बटर का टुकड़ा भी डालिये और फिर उसमें दाल और मसालों वाला पिसा पाउडर डाल कर मिक्‍स कर लीजिये।

उसके बाद पैन में तेल डालिये और अपनी हथेलियों पर भी थोडा़ सा तेल लगा लीजिये।

अब मीट की लोई लीजिये और अपनी हथेलियों पर कटलेट साइज का गोला बनाइये और ऐसे ही धीरे-धीरे सारे कबाब तैयार कर लीजिये।

जब पैन का तेल गरम हो जाए तब उसमें इन मीट बॉल्‍स को उलट-पलट कर भूरा होने तक सेंक लीजिये।

इसे पक जाने पर आप या तो रूमाली रोटी या फिर पराठे के साथ खा सकते हैं।

 

 

 

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