गाजीपुर जिले के फरीदहा में किसानों ने खेतों से पशुओं को भगाने के लिए किसान गन का किया निर्माण

 बेसहारा पशुओं से परेशान किसानों ने फसलों के नुकसान की फरियाद हर किसी को सुनाई पर कोई निष्कर्ष न निकलते देख आवश्यकता आविष्कार की जननी कहावत को चरितार्थ कर दिया। क्षेत्र के फरीदहा में किसानों ने खेतों से पशुओं को भगाने के लिए ‘किसान गन’ का निर्माण किया है। इसके तेज धमाके भरे आवाज से पांच सौ मीटर दूर तक के पशु खेतों से दूर भाग रहे हैं और रात्रि के समय यह जुगाड़ू गन एक किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। खास यह कि केवल आवाज निकलने से किसी प्रकार का कोई खतरा किसी को नहीं है।

फरीदहा के एमबीए डिग्री प्राप्त युवक आशुतोष सिंह ने लॉकडाउन में घर आने के बाद किसानों की समस्या देख उसका निदान निकाला और किसान गन बनाकर किसानों को नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि मात्र तीन सौ रुपये की लागत से सस्ती गन बनाकर किसान अपने खेतों की रखवाली कर सकते हैं। इस किसान गन में चार इंच मोटी डेढ़ फीट पीवीसी पाइप, दो इंच मोटी दो फीट पाइप, चार इंच का एक कैप, एक रोडेसर और एक गैस लाइटर की जरूरत पड़ती है। इसे चलाने के लिए मटर के दाने बराबर कार्बाइड के टुकड़े को एक ढक्कन पानी की आवश्यकता है। किसान ओमप्रकाश वर्मा, अश्वनी सिंह, विनोद कुमार, यश प्रसाद, प्रदीप आदि कहते हैं कि इस किसान गन के माध्यम से अपने घरों से ही फायरिंग कर हमलोग जानवरों को भगा रहे हैं। खतरनाक ढंग से दिनरात खेतों में बैठकर रखवाली करने की झंझट से मुक्ति मिल गई है। चंदौली आजमगढ़ और जौनपुर से आकर किसान इस गन की मांग कर रहे हैं और बनाने की विधि सीख रहे हैं।

मटर के बराबर कार्बाइड का टुकड़ा दोनों पाइप के बीच बने छिद्र में डालने के बाद एक ढक्कन पानी ऊपर से डाला जाता है। गन के नीचे लगे गैस लाइटर को जलाने के बाद निकली चिंगारी गैंस से मिलकर धमाका कर देती है। किसानों की समस्या को देखते हुए अपने हुनर का प्रयोग किया। इसमें यू ट्यूब से भी सहयोग मिला। इस तरह के मिलते जुलते फायर गन हरियाणा भी मध्यप्रदेश के किसान उपयोग में लाते हैं। अब तक चार दर्जन से अधिक किसानों को यह प्रदान किया जा चुका है, जबकि तकरीबन 20 लोगों को इसे बनाने की विधि बताई जा चुकी है। घर के लोग इसकी लागत का वहन करते हैं। इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ती। यह कोई भी चला सकता है।

LIVE TV