गंगा में जा रही होटलों, मठों, धर्मशालाओं और घरों की गंदगी

बनारसबनारस में गंगा घाटों पर होटलों, मठों, धर्मशालाओं और घरों का मलजल बेरोकटोक बह रहा है। तीर्थयात्री और पर्यटक इसके बीच से गुजरने को मजबूर हैं और यह मलजल गंगा की धारा में भी मिल रहा है।

गंगा

अलग-अलग घाटों पर ऐसे 36 स्थान चिह्नित किए गए हैं। नगर निगम में शिकायत के बावजूद कार्रवाई कुछ नहीं हुई। बुधवार को गंगा और घाट का निरीक्षण करने पहुंचे आठ सांसदों के दल के निरीक्षण के दौरान घाटों को साफ-सुथरा कर दिया गया था।

नालियां भी व्यवस्थित करने के अलावा घाटों पर फैलने वाले पानी को साफ कर दवा का छिड़काव करा दिया था। गंगा के 84 घाटों में से सबसे ज्यादा मलजल रविदास घाट के पास असि नदी से गंगा में गिरता है। प्रतिदिन 50 एमएलडी मलजल यहां गिर रहा है।

इसके अलावा भदैनी, बद्री नारायण घाट, बूंदी परकोटा घाट, डांडी घाट, चौकी घाट, दिग्पतियाघाट, गंगा महल घाट, हनुमान घाट, हरिश्चंद्र घाट, बिंदु माधव घाट, लालाघाट, मानसरोवर घाट, नारद घाट, निषाद राज घाट, पांडे घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, राणा महल घाट, शीतला घाट पर दो नालियां, शिवाला घाट पर दो नालियां, त्रिपुरा भैरवी घाट, जलासेन घाट पर पांच पांच नालियां, पंचगंगा घाट, लाला घाट पर दो, संकटा घाट और पक्का घाट पर तीन नालियों का पानी गंगा में गिर रहा है।

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गंगा प्रदूषण के जीएम एसके राय का कहना है कि सभी घाटों के किनारे सीवर लाइन है। इसके बाद भी गंगा में सीवर गिरने की जांच के बाद कार्रवाई के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा।

अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह का कहना है कि गंगा में मलजल गिराने वाले होटलों और घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जो ऐसा करते पाए जाएंगे, उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा और कार्रवाई होगी।

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