खत्म नहीं हो रहीं आईएएस बी. चन्द्रकला की मुसीबतें, प्रवर्तन निदेशालय ने भी शुरू की जांच…

सपा शासनकाल में हुए खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई से बी चंद्रकला और अन्य के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान बरामद संपत्ति और एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी मांगी है। सीबीआई ने अवैध खनन मामले में दर्ज की गई एफआईआर में बी चंद्रकला को आरोपी बनाया है।

चंद्रकला की संपत्ति एक वर्ष में 10 लाख से बढ़कर एक करोड़ रुपये होने की बात सामने आई थी।

प्रवर्तन निदेशालय इन तथ्यों की जांच कर रहा है और सुबूत मिलने पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर सकता है। माना जा रहा है कि निदेशालय इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ाएगा।

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मालूम हो कि सीबीआई ने हमीरपुर में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन घोटाले में दो जनवरी को केस दर्ज करने के बाद पांच जनवरी को राजधानी लखनऊ समेत दर्जन भर स्थानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेजों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण वस्तुएं भी बरामद की थीं।

इस मामले में जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचने की बात कही गई थी।

आरोप है कि अखिलेश ने बतौर खनन मंत्री नियमों को दरकिनार कर कई खनन पट्टों का आवंटन किया। इसी तरह का आरोप पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर भी लगा था।

 

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