क्यों तोड़नी पड़ी कपूर खानदान को अपनी ज़िद, प्यार, शादी और अलग, बबिता के जीवन के ये तीन पड़ाव

-शकुंतला

कपूर खानदान फिल्म इंडस्ट्री का सबसे पुराना और फेमस घराना है। चार पीढ़ियों से बॉलीवुड को एक से बढ़ कर एक अदाकार और अभिनेत्रियां देने वाले इस खानदान के बारे में हर कोई जानना चाहता है। बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस करिश्मा कपूर और करीना कपूर भी इसी खानदान की बेटियां है। दोनों ने ही इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। दोनों के माता-पिता रणधीर कपूर और बबिता भी अपने ज़माने के जाने माने कलाकार थे। बबिता ने वैसे जो ज्यादा फिल्मो में काम नहीं किया लेकिन जितनी भी फिल्मे उन्होंने की सभी एक से बढ़कर एक हिट साबित हुई। बबिता के लिए प्यार और परिवार हमेशा ही पहली प्राथमिकता रखता है इसीलिए तो बबिता ने रणधीर कपूर से शादी करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा के लिए अलविदा कर दिया।


कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी


रणधीर और बबिता की पहली मुलाकात फिल्म “संगम ” के सेट पर हुई। इसके बाद दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा। लगभग दो साल तक एक दूसरे को डेट करने के बाद रणधीर बबिता को अपने परिवार से मिलवाना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने उनकी फिल्म “कल आज और कल ” जो की आर.के प्रोडक्शन में बर रही थी उसे साइन किया। जिससे बाद में वो आसानी से अपने घर वालो और बबिता की मुलाकात करवा सके।

और ख़त्म हो गया बबिता का फिल्मी सफर


बबिता रणधीर का रिश्ता काफी मजबूत हो चुका था और दोनों ही एक दूसरे को खोना नहीं चाहते थे। बबिता जानती थी की कपूर खानदान की बहुएं फिल्मो में काम नहीं करती। इसीलिए उन्होंने रणधीर से कहा की या तो वो उनसे शादी कर ले या दोनों अलग हो जाए। कपूर खानदान कभी भी बबिता को अपने घर की बहू नहीं बंनाना चाहता था क्योंकि इससे पहले कोई भी फिल्म इंडस्ट्री की हीरोइन उनके घर बहू बन कर नहीं आई। अब पूरा खानदान एक तरफ और रणधीर एक तरफ। रणधीर बबिता से इतना प्यार करते थे की वो उनके लिए अपना घर परिवार तक छोड़ने को तैयार थे। बेटे की इस ज़िद्द के आगे आखिरकार कपूर खानदान को झुकना पड़ा। लेकिन उनकी राज कपूर ने शर्त रखी की बबिता को अपना फिल्मी कॅरिअर हमेशा के लिए छोड़ना पड़ेगा। 6 नवंबर 1971 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। जैसा की राजकपूर ने शर्त रखी थी की शादी के बाद बबिता को अपना फिल्मी करार हमेशा के लिए छोड़ना पड़ेगा और बबिता ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा भी कहा क्योंकि उनका प्यार रणधीर के लिए उनके कॅरिअर से ज्यादा मायने रखता था।


क्यों टूट गयी ये बेमिसाल जोड़ी ?
शादी के बाद 80 के दशक के बाद रणधीर की फिल्में फ्लॉप होने लगीं थी। लगातार फ्लॉप फिल्में होने के कारण रणधीर को काम मिलना भी बंद हो गया जिससे वो आर्थिक तंगी से गुजरने लगे और शराब को अपना सहारा बना लिया। शारब की लत के कारण ही बबिता ने रणधीर से अलग होने का फैसला ले लिया जिससे की वो कम से कम अपनी दोनों बेटियों को एक अच्छा भविष्य दे पाए। बबिता इस बात को बहुत अच्छे से जानती थी की वहां रह कर ना वो कुछ कर पाएंगी और ना ही उनकी बेटियाँ अपना कॅरिअर बना पाएंगी। कपूर खानदान को ये बिलकुल नागवार था की उनके घर की बहू- बेटियाँ फिल्मो में काम करे। लेकिन बबिता ने इस परम्परा को तोड़ दिया और अपनी दोनों बेटियो करिश्मा और करीना को एक्ट्रेस बनाने का फैसला लिया। बबिता और रणधीर ने कभी तलाक नहीं लिया और साल 2007 में दोनों की सुलह हो गयी। अब दोनों साथ ही रहते है और अक्सर अपनी बेटियों और उनके परिवार के साथ पार्टी इंजॉय करते और वेकेशन मनाते दिखाई देते है।

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