यहां ‘एकांत’ में जाने के लिए प्रेमी युगल धड़ल्ले से चुकाते हैं ‘गोपनीयता शुल्क’

कुकरैल फेस-2लखनऊ। डीएफओ लखनऊ श्रद्धा यादव ने कुकरैल फेस-2 पार्क का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां कुछ लोग अवैध वसूली करते मिले। डीएफओ के पहुंचते ही ठेकेदार के गुर्गे वहां से फरार हो गये।

डीएफओ ने कुकरैल के कर्मचारियों को बुलाकर फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि दोबारा किसी भी प्रकार की अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, अवैध वसूली करने वाले ये लोग यहां की पार्किंग का ठेका लेने वाले ठेकेदार के ही गुर्गे बताये जा रहे हैं। इन्ही लोगों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर ही डीएफओ ने औचक निरीक्षण किया था।

पिकनिक मनाने के लिए विकसित किया गया कुकरैल फेस-2 पार्क प्रेमी युगलों का अस्थायी ठिकाना बन चुका है। एकांत में समय व्यतीत करने के लिए कुकरैल जाने वाले युगलों से ‘‘गोपनीयता’ के बदले प्रति युगल 100 रुपये की वसूली की जाने की सूचना मिली थी। वन विभाग के संरक्षण में यह वसूली लम्बे समय से वाहन स्टैंड पर तैनात लोग कर रहे थे।

प्राकृतिक वातावरण में पिकनिक मनाने के लिए वन विभाग ने कुकरैल फेस-2 को विकसित किया था। चारों ओर हरियाली से भरपूर इस पार्क का सौन्दर्यीकरण 1998 में किया गया। इसमें फूल और छायादार पौधे लगाये गये। पार्क में जंगल जलेबी के पौधों को काट-छांटकर उसकी टहनियों से मिनी भूल-भुलैया बनायी गयी। जंगली झाड़ियों से हरा-भरा यह पार्क अब इतना बदनाम हो चुका है कि लोगों ने परिवार के साथ यहां आना बंद कर दिया है।

एकांत की तलाश में केवल प्रेमी युगल ही इस पार्क में आ रहे हैं। युगलों की सैरगाह बनने के बाद से ही वाहन स्टैंड के लोग गोपनीयता के नाम पर उनसे वसूली करने लगे।

वन विभाग ने वाहनों से पार्किग शुल्क के रूप में मोटर साइकिल 10 रुपये, कार 50 रुपये और बस का 100 रुपये निर्धारित किया है। स्टैंड के संचालक ने जंगल में प्रवेश करने के लिए प्रति युगल 100 रुपये निर्धारित कर दिया है। प्रवेश शुल्क अदा करने के बाद ही फेस-2 में प्रवेश की इजाजत देते हैं। शुल्क देने में आनाकानी करने वालों को धमकाकर भगा दिया जाता है। प्रेमी युगलों को देखने के लिए क्षेत्र के अराजक तत्व भी इस पार्क में चोरी छुपे जा रहे हैं। सुनसान और जंगली क्षेत्र होने के कारण इस पार्क में जाने वाली लड़कियों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

इस मामले के सामने आने के बाद ही अवध वन प्रभाग के डीएफओ ने स्टैंड का संचालन करने वाली फर्म को ब्लैक लिस्टेड करते हुए वहां पर वन कर्मचारियों को तैनात कर दिया था।

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