किसानों को वकील मुफ्त में देंगे कानूनी सहायता, 8 दिसंबर की दी चेतावनी

पंजाब-हरियाणा से आए हजारों किसान दिल्ली की जमीन पर नए कृषि कानून (Agricultural Laws) का विरोध करने के लिए डटे हुए हैं। किसानों के सीनियर एडवोकेट व सलाहकार दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं। किसानों की मदद करने के लिए एडवोकेट दवे उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता देंगे। एडवोकेट दवे की इस पेशकश का प्रदर्शन कारी किसान व उनके नेताओं ने इसका स्वागत किया। एडवोकेट दवे ने किसानों की मदद करने के लिए कहा, “यदि किसान किसी भी मामले को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में लड़ना चाहते हैं तो मैं उनके तरफ से मुफ्त में बहस करने के लिए तैयार हूं। मैं किसानों के साथ खड़ा हूं।”
 

असंवैधानिक और गैरकानूनी कृषि कानून- एडवोकेट दुष्यंत दवे

बता दें कि एडवोकेट दवे ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया। एडवोकेट दवे के इस बयान का जबाव देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने कहा कि, “हम दुष्यंत दवे के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने किसानों की कानूनी रूप से मदद करने की पेशकश की है। सरकार को सोचना चाहिए कि जब देश के वरिष्ठ वकील कह रहे हैं कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं तो सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए।”

बात से सुलझेगा मामला?

दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसान व सरकार के बीच इस मामले को सुलझाने के लिए वार्ता आज यानी शनिवार को की जाएगी। इस अहम बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश शामिल होंगे।

8 दिसंबर को किसानों के द्वारा भारत बंद का ऐलान

किसानों का रोष बढ़ता ही जा रहा है। वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा कर दी है। यदि बात करें भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल की तो उन्होंने बताया कि, “शुक्रवार की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे। यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है।”

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