किसानों का हौसला बढ़ने के लिए राहुल ने दी यह पंक्तियां, जानिए क्यों बन रहीं चर्चा का विषय

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों (Agricultural Laws) का लगातार दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन (Kisan Protest) किया जा रहा है। वहीं किसानों को समझाने के लिए केंद्र के साथ किसान संगठनों के बीच पांच दौर की बातचीत की जा चुकी है जो बेनतीजा रही। वहीं इसके बाद एक बार फिर 29 दिसंबर को किसानों के साथ केंद्र बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास करेगा। इस वार्ता से उम्मीद जताइ जा रही है कि इस से जरुर कोई न कोई हल निकलेगा।

किसान प्रदर्शन के बीच विपक्ष मसीहा बनी हुई है। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा किसानों का समर्थन किया जा रहा है। उन्होंने अपने ट्वीटर के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें हिम्मत रखने की बात कही। किसानों के हौसलों को और भी ज्यादा बुलंद करने के लिए उन्होंने एक कविता की कुछ पंक्तियां साझा कीं। इस पंक्तियों के माध्यम से राहुल ने किसानों को सावधान करते हुए कहा कि उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर बढ़ने से रोका जा सकता है लेकिन उन्हें बिना डरे ही आगे बढ़ना होगा।

यदि बात करें राहुल गांधी द्वारा साझा की गई पंक्तियों की तो उन्होंने लिखा कि, “वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो,वॉटर गन की बौछार हो, या गीदड़ भभकी हजार हो, तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं, वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो!” इसी के साथ बीते दिन भी राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है। सरकार को सुनना पड़ेगा, सरकार को (किसानों को) सुनना ही होगा।

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