कालेधन पर सामने न आ जाए केंद्र की हकीकत, इसलिए आरबीआई ने लगाया इस ‘विरोधी’ पर बैन

कालेधन पर केंद्रनई दिल्ली| प्रसिद्ध मैगजीन ‘द इकॉनमिस्‍ट’ के पत्रकार स्‍टैनली पिग्‍नल ने आरोप लगाया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उन्हें अपनी प्रेस ब्रीफिंग्स में आने से बैन किया हुआ है| उन्होंने कहा कि आरबीआई को डर है कालेधन पर केंद्र कहीं फंस न जाए|

ट्विटर पर स्‍टैनली ने लिखा है कि आरबीआई पॉलिसी मीटिंग प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के लिए द इकॉनमिस्‍ट को न्‍योता नहीं मिला| मुझे अंदर जाने से रोक दिया गया| मैं प्रेस से बातचीन न करने को लेकर नए गवर्नर की आलोचना करता रहा हूं, मुझे आरबीआई से यह उम्मीद नहीं थी| जाहिर तौर पर, यह उन्‍होंने ही किया है|

एक और ट्वीट में स्‍टैनली ने लिखा है कि ‘जून में आरबीआई गवर्नर के इंटरव्‍यू की इजाजत मिलने से लेकर नवंबर में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कवर करने से हटाया जाना कमाल है| कोई चेतावनी/धमकी नहीं|

उधर, गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति कमेटी के फैसले का ऐलान करने के लिए बुधवार दोपहर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाई| उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला व्यापक चर्चा के बाद किया गया था| उन्होंने नकदी संकट से निपटने के लिए नयी मुद्रा की लगातार आपूर्ति करने का वादा भी किया|

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस पहल में गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा और आम जनता को होने वाली तात्कालिक दिक्कतों को दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं|

गवर्नर उर्जित पटेल ने मीडिया से कहा कि आम लोगों को हो रही दिक्कतें ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता में हैं’ और इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है|

 

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