कांग्रेस का ट्रंप के बयान पर हमला, पीएम मोदी को कसा तंज, कहा-‘मित्रों’ में ….
इस वक्त भारत में कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं. साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर मलेरिया की दवा को लेकर दबाव बना रहे हैं. ऐसे में आए उनके हाल ही के बयान ने राजनीति गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बयान पर अब कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकते हुए ‘इंडिया फर्स्ट- इंडियन्स फर्स्ट’ की नीति पर अमल करना चाहिए. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्रंप के बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए यह सवाल भी किया कि ‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना कैसे हो सकती है?.
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयां और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुंचना अनिवार्य है. गौरतलब है कि मोदी ने ट्रंप के भारत दौरे पर उन्हें मित्र कहकर संबोधित किया था.
‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुँचना अनिवार्य है। pic.twitter.com/RMk8lHHsO1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 7, 2020
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारत को न कोई डरा सकता और न झुका सकता. आज भारत को कोरोना से लड़ने और जीतने की जरूरत है. इसमें जीवनरक्षक दवाइयां सबसे प्रभावी हैं. उन्होंने कहा कि किसी विदेशी ताकत के दबाव में झुककर या उससे डरकर जीवनरक्षक दवाओं का निर्यात करना राष्ट्रधर्म की अनुपालना नहीं हो सकता है.
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी, हमारा अनुरोध है कि जीवनरक्षक दवाओं के निर्यात में ”इंडिया फर्स्ट और इंडियन्स फर्स्ट” की नीति अपनाइए. यही सच्चा राष्ट्रधर्म है. ट्रंप ने भारत से ”हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन” की मांग दोहराते हुए कहा है कि अगर भारत इस दवा की आपूर्ति करता है तो ठीक, वरना हम जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.
इससे पहले गत रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर आग्रह किया था कि भारत अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए. अमेरिका इन दिनों कोरोना महामारी का सामना कर रहा है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के उपचार के लिए होता है. कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में भी कहीं-कहीं इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत इस दवा का प्रमुख निर्यातक है.