कलेजे के टूकड़े की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एम्स में बच्चे को छोड़कर भागे माँ -बाप

 रामपुर. रामपुर के एक कोरोना संक्रमित मासूम की दिल्ली एम्स में मौत हो गई। मासूम की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने की जानकारी मिलते ही मां-बाप अपने कलेजे के टुकड़े का शव अस्पताल में ही छोड़कर भाग आए। एम्स प्रशासन ने इस पर रामपुर प्रशासन से संपर्क साधा तब हड़कंप मच गया। प्रशासन ने आनन-फानन में मासूम के मां-बाप को क्वारंटाइन कर दिया है और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। उधर, मां-बाप की सहमति के बाद एम्स प्रबंधन ने मासूम बच्चे का दिल्ली में ही अंतिम संस्कार करा दिया।

मिलक तहसील क्षेत्र के गांव भैंसोड़ी शरीफ से जुड़ा है। गांव निवासी दंपति के करीब नौ माह के बच्चे के सिर में पैदाइशी गांठ थी। इसे डाक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर बताया था। नवंबर-दिसंबर से उसका एम्स में उपचार चल रहा था। आपरेशन के लिए 29 मई की तारीख तय थी। लिहाजा परिजन 26 मई को उसे एम्स ले गए थे। वहां पहुंचने पर नियमानुसार बच्चे का कोरोना टेस्ट कराया गया। बताया जाता है कि इसी बीच बच्चे ने 29 मई को आपरेशन के दौरान दम तोड़ दिया। मासूम की मौत के बाद उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, लेकिन उस रिपोर्ट और मासूम के शव को लेने वाला वहां कोई नहीं था। मासूम के मां-बाप बच्चे का शव को एम्स में ही छोड़कर वहां से भाग आए। एम्स प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव मासूम के शव के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि वह रामपुर का रहने वाला था। इस पर डीएम रामपुर को सूचना दी गई। एम्स प्रशासन ने जिलाधिकारी को पूरा प्रकरण बताया। डीएम ने सीएमओ डाक्टर सुबोध कुमार शर्मा को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मासूम के माता-पिता को उनके गांव से लाकर क्वारंटाइन करा दिया है।

लवी नर्सिंग होम का पूरा स्टाफ क्वारंटाइन

जांच-पड़ताल में पता चला है कि बच्चे को एम्स में ले जाने से पहले स्थानीय स्तर पर दिखाने के लिए लवी नर्सिंग होम लाया गया था। इस पर लवी नर्सिंग होम के संचालक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुनीश गुप्ता और उनके पूरे स्टाफ को क्वारंटाइन में भेजा गया है।

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