कभी करते थे बोतल में पानी की सप्लाई, राहुल ने ज्वाइन कराई कांग्रेस और अब बने कार्यकारी अध्यक्ष

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी ने हार्दिक पटेल के नाम पर मुहर लगा दी है। हार्दिक इससे पहले इसी साल मार्च में 2017 में हुए दंगे के मामले में गिरफ्तार हुए थे। हार्दिक को गुजरात की कमान देने के साथ ही यह माना जा रहा है कि कांग्रेस ने पाटीदार समुदाय में अपनी पैठ बनाने के लिए यह कदम उठाया है।

आपको बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव की रैली के दौरान हार्दिक कांग्रेस में शामिल हुए थे। हार्दिक को राहुल गांधी ने 12 मार्च 2019 में गांधीनगर जिले में हुई रैली के दौरान कांग्रेस में शामिल करवाया था। हार्दिक ने ही समुदाय के साथ आरक्षण के नाम पर हो रहे भेदभाव को लेकर मोर्चा खोला था। इसी के साथ पटेलों को ओबीसी का दर्जा दिये जाने की मांग की थी। इस मांग के बाद पूरा पाटीदार समाज पटेल के साथ खड़ा हो गया था।

हार्दिक की योजना 2019 लोकसभा चुनाव में जामनगर सीट से आने की थी। लेकिन उन्हें 2015 गुजरात हिंसा का दोषी पाया गया था। मामले को लेकर वह हाईकोर्ट भी गये लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। आपको बता दें हार्दिक ने 2015 में जब आंदोलन शुरु किया था तो सैकड़ों लोग उनके साथ सड़कों पर थे। 25 दिनों तक चले इस आंदोलन में तोड़फोड़ और आगजनी देखने को मिली थी। इसके बाद हार्दिक पर देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

यह है हार्दिक का इतिहास
हार्दिक पहले पिता के कारोबार में हाथ बंटाते थे। वह खुद बोरिंग पंप से पानी की बोतलें भर सप्लाई करते थे। उन्होंने अहमदाबाद के सहजानंद कॉलेज से पढ़ाई की है।

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