कई रोगों का काल है ये 8 मुद्राएं, जानें इन 8 मुद्राओं के बारे में…

मुद्रा का इस्तेमाल ज्यादातर मेडिटेशन या प्राणायाम में हाव-भाव के रूप में किया जाता है, ताकि हाथों का इस्तेमाल कर बॉडी के अंदर एनर्जी के प्रत्यक्ष प्रवाह का अभ्यास किया जा सके। ले‍किन क्‍या आप जानती हैं कि यह आपको सुंदर बनाने के साथ-साथ आपके मेटाबॉलिज्‍म को भी मजबूत करती हैं और साथ ही आपको कई तरह की बीमारियों से दूर रखती हैं। अगर आप भी खुद को लंबे समय तक फिट और चेहरे पर ग्‍लो चाहती हैं तो अपने रुटीन में मुद्राओं को जरूर शामिल करें। इस बारे में हमें सर्वा योगा, माइंडफुलनेस एंड बियोंड के को फाउंडर श्री सर्वेश शशि बता रहे हैं। आइए ऐसी ही 8 मुद्राओं के बारे में जानते है।

कई रोगों का काल है ये 8 मुद्राएं, जानें इन 8 मुद्राओं के बारे में...

1. सूर्य मुद्रा

  • इसे सूरज की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। इससे शरीर के तापमान को बनाये रखने और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके कुछ अन्य फायदे निम्नलिखित हैं:
  • यह शरीर में ताप उत्पन्न करता है। इसलिये अगर आपको ठंड के मौसम में सर्दी लग रही हो, तो इस मुद्रा को अपनायें।
  • आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है।
  • आपके शरीर में पाचन में मदद करती है।
  • आपके शरीर में फैट कंटेंट को घटाती है।

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2. वरूण मुद्रा

वरूण मुद्रा त्वचा की रौनक को बढ़ाने में उपयोगी है। इसके अन्य लाभ नीचे दिये गये हैं :

कई रोगों का काल है ये 8 मुद्राएं, जानें इन 8 मुद्राओं के बारे में...

  • शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करती है।
  • शरीर में फ्लुइड सर्कुलेशन को ऐक्टिवेट करती है।
  • शरीर को नमी युक्त बनाये रखती है।
  • कील-मुहासों और त्वचा पर पड़े दाग-धब्बों को साफ करता है, झुर्रियों को कम करती है।
  • पेट के अल्सर को घटाती है।
  • किडनी को साफ करती है और यूरिनेशन को बढ़ावा देती है।

3. ज्ञान मुद्राकई रोगों का काल है ये 8 मुद्राएं, जानें इन 8 मुद्राओं के बारे में...

  • ज्ञान मुद्रा रूट चक्र को बढ़ावा देती है।
  • टेंशन कम करती है और डिप्रेशन को दूर करती है
  • शांत प्रभाव देती है।
  • यह व्‍यक्ति के लिए आध्यात्मिकता के द्वार खोलती है और मेडिटेशन में मदद करती है।
  • ब्रेन‍, नर्वस सिस्‍टम और पिट्युटरी ग्लैंड को बढ़ावा देती है।
  • कॉन्सेंट्रेशन को बढ़ाने और नींद ना आने की समस्‍या से बचाती है।

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4. वज्र मुद्रा

  • वज्र मुद्रा में आपके शरीर के सभी पांच तत्व शामिल होते हैं। फिर चाहे वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल हो या फिर धातु।
  • ब्‍लड सर्कुलशन को बढ़ाती है।
  • बेचैनी कम करती है।
  • शरीर को एनर्जी से भरपूर बनाती है
  • चिंतायुक्त मन को शांत करती है और सुकूनदायक विचारों में सक्षम बनाती है।

5. गणेश मुद्रा

यह मुद्रा भगवान गणेश का प्रतीक है। इसे हाथी, गणेश की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। यह बाधाओं से निपटने के लिये देव की शक्ति का प्रतीक है।

  • मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है।
  • डाइजेशन को सुधारती है।
  • ब्‍लड सर्कुलशन को बेहतर बनाती है और हृदय चक्र को खोलती है।
  • कंधे में ब्लॉक टेंशन को मुक्त करती है, जो कि डिप्रेशन से उबरने, कमजोर हृदय की समस्या को दूर करने और कोलेस्ट्रॉल ब्लॉकेज को दूर करने में उपयोगी है।
  • आत्म-बोधन को बेहतर बनाती है।

6. पृथ्वी मुद्रा

  • पृथ्वी का अर्थ है धरती। यह मुद्रा धरती की स्थिरता और मजबूती का प्रतीक है।
  • शरीर को मजबूत और स्थिर बनाती है।
  • आत्म-विश्वास बढ़ाती है।
  • स्पष्टता देती है।
  • बेचैनी और डर को भगाती है।
  • बाल बढ़ाने और वजन घटाने में उपयोगी है।

7. कनिष्ठ मुद्रा

  • कनिष्ठ मुद्रा शरीर में जल तत्व को संतुलित करती है।
  • हाईब्लड पेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • मिचली से आराम दिलाती है।
  • अपच की समस्या से निपटने में मदद करती है।

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8. प्राण मुद्राकई रोगों का काल है ये 8 मुद्राएं, जानें इन 8 मुद्राओं के बारे में...

यह मुद्रा जीवन के उत्साह‍ का प्रतीक है।

  • आंखों की रोशनी को बेहतर बनाती है।
  • अनिद्रा दूर करने में मदद करती है।
  • शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को बेहतर बनाती है।
  • आत्मविश्वास बढ़ाती है।
  • शरीर में कमजोरी को दूर करने में मदद करती है।
  • ध्यान को बढ़ाती है और बुद्धि की तत्परता को बढ़ाती है।

अगर आप भी लंबे समय तक रोगों से मुक्‍त रहना चाहती हैं तो अपने रुटीन में इन मु्द्राओ को शामिल करें।

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