ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो रहे लोग,आंकड़ा गिरा 90 से 25 फीसद

लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए हाल ही में शुरू किए गए चार ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर दिल्ली वालों को रास नहीं आ रहे हैं। वहां पहुंच रहे लोगों की संख्या में करीब 50 फीसदी गिरावट आई है, जबकि ड्राइविंग टेस्ट में पास होने वालों का आंकड़ा 25 प्रतिशत तक गिरा है। दिल्ली में आठ और ड्राइविंग टेस्ट सेंटर जल्द खुलने वाले हैं। इनके खुलने के बाद पूरी दिल्ली के लिए लाइसेंस बनवाना मुश्किल होने वाला है।

ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट

ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर पर चारों ओर से कैमरों की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। इसमें असफल होने वाले लोगों में सरकार के प्रति रोष है। उनका कहना है कि टेस्ट के अनुरूप दिल्ली में कहीं भी ट्रेनिंग नहीं दी जाती है।

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मयूर विहार निवासी अमन वर्मा का कहना है कि दिल्ली सरकार ने ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर तो बना दिए, लेकिन लोगों को यहां पर लिये जाने वाले टेस्ट के बारे में जागरूक नहीं किया। यहां बेहद कम जगह में सीधी दिशा में 8 की शेप और रिवर्स में एस बनाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने जहां ड्राइविंग सीखी है, वहां इतनी बारीकी से ड्राइविंग नहीं सिखाई गई। इस स्थिति में  उनका लाइसेंस बनना मुश्किल है।

अमित दुआ का कहना है कि सरकार को इससे पहले लोगों को ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि लोग समझ सकें कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर पर उनका किस तरह के टेस्ट से सामना होगा। आधे लोग तो इस प्रक्रिया को देखकर सेंटर से लौट रहे हैं। यदि ऐसा रहा तो लोगों को बार-बार फीस भरने पर भी टेस्ट में सफलता नहीं मिलेगी।

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