एक महिला की हिम्मत से इस गांव से अभी तक दूर है कोरोना, आज तक नहीं मिला एक भी केस

कोरोना की दूसरी लहर का कहर गांवों में ज्यादा दिख रहा है। वहीं इस सब के बीच हरियाणा का मौजमनगर ऐसा गांव है जहां एक महिला के कारण आज तक उस गांव से दूर है। सोनिपत के इस गांव की एक महिलाने पूर्व सरपंच औऱ आंगनबाड़ी वर्कर की जिम्मेदारी निभाते हुए पहले घर-घर जाकर सभी को जागरुक किया। इसके चलते गांव के सभी लोग अब मास्क या मुंह पर कपड़ा बांधकर ही बाहर निकलते हैं।

इतना ही नहीं सुनीता यहां घर-घर जाकर लोगों की जांच करती है। जैसे ही किसी को भी सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार होता है वैसे ही स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर उसका उपचार किया जाता है। कोरोना को लेकर इस गांव के लोग इतना जागरुक हो चुके हैं कि बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतते हैं। इस जागरुकता का ही असर है कि गांव में अभी तक एक भी केस नहीं मिला है। प्रशासनिक अधिकारियों का भी कहना है कि अगर इसी तरह गांव के लोग जागरुक रहेंगे तो गांव में कभी भी कोरोना नहीं घुस पाएगा।

खरखौदा क्षेत्र के मौजमनगर निवासी सुनीता आंगनबाड़ी वर्कर रह चुकी है। इसी के साथ वह सरपंच भी रह चुकी है। तीन माह पहले ही उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था। इसके बावजूद वह अपनी जिम्मेदारी नहीं भूली। यही कारण है कि जब कोरोना ने कहर बरपाना शुरु किया तो सुनीता ने आंगनबाड़ी वर्कर औऱ पूर्व सरपंच की जिम्मेदारी का बीड़ा उठाया औऱ लोगों को जागरुक किया। जागरुकता के चलते ही लोगों ने अब साथ बैठकर हुक्का पीना और ताश खेलना तक बंद कर दिया है।

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