एक ऐसा शहर जहाँ 80 लाख रूपये कमाने वाला भी माना जाता है गरीब, आखिर क्यों है ऐसा…

भारत में गरीबी मतलब भुखमरी से मरना, बेसहारा होना। हमारे यहां जिन लोगों की सैलरी लाख रुपए महीना होती है, उन्हें सफल समझा जाता है। लेकिन हमारी इस दुनिया एक देश ऐसा भी है जहां 80 लाख रुपए कमाने वाला भी गरीब माना जाता है।

अमरीका की आवासीय और शहरी विकास विभाग ने हाल में एक रिपोर्ट रिपोर्ट जारी की है जिसमें लोगों की आय को लेकर जानकारी दी गई है।

80 लाख रुपए

रिपोर्ट की मानें तो सैन फ्रांसिस्को, सैन माटियो और उसके आस-पास रहने वाला चार सदस्यों का परिवार अगर 80 लाख रुपए कमाता है तो वो ‘कम वेतन’ पाने वाला परिवार करार दिया गया है।

रिपोर्ट कहती है कि वहीं अगर कोई परिवार 50 लाख रुपए कमाने वाला परिवार गरीब कहा जाएगा। रिपोर्ट की मानें तो देश के अन्य इलाकों के मुकाबले इन शहरों में गरीबी का यह पैमाना कहीं अधिक देखा गया है।

भारत की वो खतरनाक राजकुमारी जो थी अंग्रेजों की जासूस, हिटलर भी खाता था उससे खौफएक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमरीका की लगभग दो-तिहाई परिवारों की कमाई सैन फ्रांसिस्को के 80 लाख रुपए कमाने वाले गरीबपरिवार से कम है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि चार सदस्यों के परिवार की औसत कमाई करीब 62 लाख रुपए है। वहीं, इससे ज्यादा सदस्यों वाले परिवारों की औसत कमाई करीब 41 लाख रुपए है।

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32.6 करोड़ की आबादी वाले अमरीका में चार करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। कुछ बड़े शहरों की तुलना में देश के अन्य भागों की कमाई करीब 17 लाख रुपए है।

सैन फ्रांसिस्को में सबसे कम कमाई करने वाला किसान होता है। वहीँ रिपोर्ट में डॉक्टरों की औसतन कमाई एक करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक दर्ज है। यहां सरकारी अधिकारियों की औसतन कमाई एक करोड़ 15 लाख रुपए होती है।

वहीं सॉफ्टवेयर डेवलपर करीब 80 लाख रुपए औसतन कमाते हैं। अब आप इससे खुद अंदाजा लगा सकते हैं की सैन फ्रांसिस्को में गरीबी की दर क्या होगी।

 

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