एक्शन में सरकार ! चंद दिनों में करोड़ों की कमाई का दावा करने वाली कम्पनियों की अब खेर नहीं …

आज का समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है. वहीं राज्यसभा ने सोमवार, 29 जुलाई 2019 को Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019 यानी पोंजी कंपनियों पर लगाम कसने वाले विधेयक को अनुमति दे दी हैं.

 

 

बतादें की राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा. जहां लोकसभा ने इस विधेयक को 24 जुलाई को ही पास कर दिया था. लेकिन इस विधेयक के पास होने के बाद पोंजी स्कीम यानी अनियमित तौर पर धन जमा करने के फर्जीवाड़ों पर लगाम लगने वाला हैं.

जानिए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ये बनेगे कोच , हुआ खुलासा…

खबरों के मुताबिक इस कानून का मकसद है, लोगों की गाढ़ी कमाई को पोंजी कंपनियों की लुभावनी स्कीमों से सुरक्षित बनाना. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया. चर्चा के बाद राज्यसभा ने विधेयक पर मुहर लगा दी.

देखा जाये तो फिल्म का राजू याद है. अक्षय कुमार का किरदार. एक कंपनी उसको 21 दिनों में पैसा डबल करने का ऑफर देती है. ये स्वाभाविक तौर पर पॉसिबल नहीं है. लेकिन लालच आए तो बुद्धि घास चरने चली जाती है. जहां राजू अपना और अपने दोस्तों का बंगला तक गिरवी रखकर उस कंपनी में पैसे जमा करवाता है. और जब 21 दिनों के बाद वो अपने दोगुने पैसे लेने जाता है, कंपनी का नामोनिशान तक नहीं मिलता. मल्लब दिनदहाड़े चूना.

लेकिन सीधे तौर पर कहें तो यह स्कीम एक घोटाला है. कम से कम समय में रईस बनाने का दावा करने वाली स्कीम. कंपनी ऐसे लोगों पर फोकस करती है जो जल्द-से-जल्द पैसे हासिल कर समाज में रुतबा पाना चाहते हैं. गांव-जवार के लोग इस मकड़जाल में ज्यादा फंसते हैं.

जहां उन्हें इन कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती और वे अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर अमीर बनने का सपना देखते हैं. कंपनियां ये सपना दिखाकर हाथ पीछे खींच लेती हैं. और लोगों के पास हाथ मलते रहने के सिवा कुछ नहीं बचता.

इस कानून से क्या होगा?
इससे पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियों का भट्ठा बैठ जाएगा. यानी कानून बनते ही ऐसा गोरखधंधा चलाने वाली कंपनियां देश में काम नहीं कर पाएंगी.

दरअसल इस विधेयक में ये नियम है कि पैसे की जमा-निकासी वाली ऐसी कोई योजना जो विधेयक में तय संस्थाओं में रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे अनियमित माना जाएगा. यानी ऐसी योजनाएं कानूनी तौर पर सही नहीं मानी जाएगी.रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, सेबी, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी.

इस विधेयक के कानून बनने के बाद सरकार को कंपनियों द्वारा लूटे धन को वापस लाने का अधिकार होगा. इसके तहत केंद्र और राज्य, दोनों को अपने हिसाब से नियम बनाने की शक्ति होगी. ऐसी व्यवस्था भी की गई है कि निवेशकों का जमा पैसा लौटाने के लिए कंपनियों और उनके मालिकों की संपत्ति को बेचा जा सकता है.

 

LIVE TV