उत्तराखंड की ये झीलें आपको सौन्दर्य के साथ साथ आपको दिलाती हैं पापों से मुक्ति

उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है।उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ देव भूमि होने कारण पाप मुक्ति का भी बोध कराता है।ऐसी मान्यता है कि यहाँ की झीलों में स्नान करने से इंसान पाप से मुक्ति पा जाता है। नैनीताल जनपद अपने नैसर्गिक सौंदर्य और झीलों के कारण देश-दुनिया में प्रसिद्ध है।

कमल ताल

यहां घूमने के लिए हर वर्ष पर्यटक बड़ी तादात में पहुंचते हैं। हालांकि नैनीताल और भीमताल के अलावा जो झीले हैं वे अधिक प्रचारित-प्रसारित न होने के कारण वहां पहुंचने वाले पर्यटकों की तादात काफी सीमित होती है। तो आइये आपको को कुछ ऐसी झीलों के बारे में बताते हैं जो अपनी खूबसूरती से आपको मुग्‍ध कर लेंगी।

कमल ताल झील- 

नौकुचियाताल 9 कोने वाली झील के किनारे में स्थित ‘कमल ताल’ नाम के अनुरूप ही अपने वहां खिलने वाले कमल के नाम से प्रसिद्ध है। गर्मियों में पूरी झील कमल से भरी रहती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नौकुचियाताल को सनद सरोवर के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि ब्रह्मा जी के सनक, सनातन, सनंदन, सनत कुमार चार पुत्रों ने यहां तपस्या की थी और प्रभु का ध्यान लगाया था। वहीं दूसरी धार्मिक मान्यता के अनुसार स्कंद पुराण में कमल ताल और नौकुचियाताल का उल्लेख मिलता है।

9 कोने में 9 ऋषि के द्वारा तपस्या करने का उल्लेख है तो वहीं मान्यता है कि इस झील के 9 कोनों को कोई भी एक साथ नहीं देख सकता है कमल ताल के बारे में मान्यता है कि इसका जल हरिद्वार में हर की पैड़ी के समान है इसके जल में स्नान करके लोग अपने कर्मों का प्रायश्चित करते हैं।

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जिन लोंगों पर गौ हत्या का पाप लगा होता है वह भी यहां स्नान करके गौ हत्या के पाप से मुक्त होने की मान्यता है।

कमल ताल के किनारे छोटा सा मंदिर है जिसमें शादी, यज्ञोपवीत संस्कार आदि सभी धार्मिक आयोजन करने के लिये लोग दूर दूर से आते हैं। कमल ताल का पानी आस पास के क्षेत्रों में सिंचाई के लिये भी प्रयोग होता है।

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