इरफ़ान खान ने मुस्लिम धर्मगुरुओं को दिया बड़ा चैलेंज

इरफ़ान खाननई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर इरफ़ान खान ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया था जिसपर बवाल मचा हुआ है।  उन्होंने कहा था कि कुर्बानी का मतलब यह नहीं है कि बाजार से बकरा लाकर काट दो बल्कि अपनी प्यारी चीज किसी को देना कुर्बानी है। पशुओं को काटने से आपको क्या मिलेगा।

इरफ़ान खान का बयान

इरफ़ान के इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया है। कई मौलवियों और उलमाओं ने उनके इस बयान की निंदा भी की है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि इरफ़ान की सलाह की उनको कोई ज़रुरत नहीं है,क्योंकि वह कोई धार्मिक नेता नहीं हैं।

जमात-ए-उलमा-ए-हिन्द के सचिव मौलाना खत्री ने भी कहा कि इरफ़ान एक अभिनेता हैं और उनको अपने करियर पर फोकस करना चाहिए।

इरफ़ान खान ने कहा कि वह धर्मगुरुओं से नहीं डरते हैं और साथ ही उन्होंने भगवान का शुक्र जताया है कि वह वैसे देश में नहीं रहते जहां धर्म के ठेकेदारों का शासन चलता है। इस बात से साफ़ पता चल रहा है कि इरफ़ान ने मुस्लिम धर्मगुरुओं पर निशाना साधा है।
इरफ़ान ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘प्लीज भाइयों, जो मेरे बयान से परेशान हैं, या तो आप आत्मनिरीक्षण करने को तैयार नहीं हैं या फिर आप किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की जल्दबाजी में हैं।

उन्होंने आगे कहा , ‘मेरे लिए धर्म आत्मनिरीक्षण का जरिया है। यह करुणा , अक्लमंदी और समभाव का स्रोत है ना कि रूढि़वादिता और कट्टरपन का।

 

 

 

 

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