आप भी होगे चॉकलेट की इन चार बातो से अंजान…

हर साल 7 जुलाई को दुनियाभर में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फूड को सेलिब्रेट करने का दिन होता है और वह फूड है बच्चों से लेकर बड़ों तक की फेवरिट- चॉकलेट. जी हां, ऐसी मान्यता है कि इसी दिन 1550 में मेसोअमेरिका से यूरोप में चॉकलेट पहली बार आयात की गई थी जिससे मानव जाति को मिली उसकी सबसे प्रिय मीठी वस्तु चॉकलेट. आप चॉकलेट से केक बनाएं, ब्राउनी बनाएं, पाई में डालकर खाएं, आइसक्रीम बनाएं या फिर बस यूं ही सिर्फ चॉकलेट खाएं. आप जितना सोच सकते हैं उससे कहीं ज्यादा तरीकों से चॉकलेट को इंजॉय किया जा सकता है.

लेकिन इतनी ज्यादा लोकप्रिय होने के बावजूद चॉकलेट को लेकर लोगों के मन में कई तरह की गलतफहमियां और मिथक भी मौजूद हैं. वर्ल्ड चॉकलेट डे के मौके पर हम चॉकलेट से जुड़ी ऐसे ही 4 मिथकों की सच्चाई आपको बता रहे हैं.

ज्यादातार लोगों के लिए ये शब्द चॉकलेट, मिठाई का पर्यायवाची माना जाता है लेकिन चॉकलेट मूल रूप से मिठाई नहीं थी.

हकीकत : चॉकलेट को कोको के पौधे से प्राप्त किया जाता है जिसका शुरुआत में मूल रूप से इस्तेमाल दक्षिण अमेरिका के माया सभ्यता के लोग किया करते थे. ऐसा माना जाता है कि माया सभ्यता के लोग गर्म कोको ड्रिंक के तौर पर चॉकलेट को पिया करते थे जिसमें वे चॉकलेट के अलावा दालचीनी और काली मिर्च भी मिक्स करते थे. माया सभ्यता के लोगों को इस चॉकलेट ड्रिंक से इतना प्यार था कि वे इसे ईश्वर का भोजन कहा करते थे.

आज के समय में भी चॉकलेट को मेक्सिको के मोल सॉस की रेसिपी में शामिल किया जाता है. इस सॉस में मिर्च होती है, फल और मसाले होते हैं और इस सॉस को चिकन, बुरितो और फ्राइड सब्जियों के ऊपर टॉपिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

मिथक 2 : चॉकलेट कामोत्तेजक होती है
कई दशकों से लोग ऐसा मानते आ रहे हैं कि चॉकलेट कामोत्तेजक होती है और यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो यौन सुख को बेहतर बनाने में मदद करता है. बहुत से लोग आज भी इस बात को सच मानते हैं जबकि हकीकत कुछ और है.

हकीकत : चॉकलेट के कामोत्तेजक असर को साबित करने का कोई सबूत मौजूद नहीं है. इटली में महिलाओं के एक छोटे से ग्रुप पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि चॉकलेट का यौन इच्छा पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं होता है. बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि मौजूदा समय में चॉकलेट को लेकर यह मिथक इतना ज्यादा फैला हुआ है कि इसका कामोत्तेजक असर सिर्फ प्लेसबो की तरह है और कुछ नहीं.

मिथक 3 : डायबिटीज के मरीज चॉकलेट नहीं खा सकते
डायबिटीज की बीमारी होने पर व्यक्ति का शरीर ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित नहीं कर पाता है। यही वजह है कि ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों को मिठाई से दूर रहने की सलाह दी जाती है जिसमें चॉकलेट भी शामिल है।

हकीकत : ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, डायबिटीज के मरीज अगर स्वस्थ जीवनशैली और डायट का सेवन करें तो वे थोड़ा बहुत या सीमित मात्रा में चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं. 2017 में हुई एक स्टडी में यह पाया गया कि कोको में मौजूद फ्लैवनॉयड्स इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करता है और डायबिटीज को और ज्यादा बिगड़ने से बचाता है. इंसुलिन रेजिस्टेंस या प्रतिरोध का अर्थ है कि आपके शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की तरफ प्रतिक्रिया देने में अक्षम हो जाती हैं और खून से ग्लूकोज लेने लगती हैं.

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगर आप डायबिटीक हैं और चॉकलेट खाना चाहते हैं तो आप खाने के तुरंत बाद थोड़ी सी चॉकलेट खा सकते हैं. ऐसा करने से चीनी का अवशोषण कम हो जाएगा और मरीज का ब्लड ग्लूकोज लेवल अचानक से बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा.

मिथक 4 : चॉकलेट खाने से वजन बढ़ता है
इसमें कोई शक नहीं कि चॉकलेट हाई कैलोरी फूड है जिसमें चीनी और फैट की मात्रा अधिक होती है. लिहाजा आपका यह सोचना लाजिमी है कि चॉकलेट खाने से वजन बढ़ सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह सच हो.

हकीकत : चॉकलेट और आपके शरीर के वजन के बीच क्या संबंध है इसे लेकर कुछ परस्पर विरोधी सबूत मौजूद हैं. 35 लोगों पर किए गए रैन्डमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल के सिस्टेमिक रिव्यू में पाया गया कि प्रति दिन लगभग 30 ग्राम चॉकलेट का सेवन आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है. इस स्टडी के मुताबिक करीब 4 से 8 हफ्ते में इसके संकेत स्पष्ट तौर पर नजर आने लगते हैं.

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