आपके ‘हसीन’ सपने को साकार करेंगे मोदी, बजट में होगा ये बड़ा ऐलान!
नई दिल्ली: मोदी सरकार आज पेश होने वाले बजट में जनता को राहत दे सकती है. कई परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जा सकता है. सरकार अपनी बहुद्देशीय योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए इस प्रमुख सेक्टर को प्रोत्साहित करने के मूड में नजर आ रही है. मोदी सरकार के विजन 2022 को रफ़्तार देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने का एलान कर सकते हैं.
जीएसटी को और तर्कसंगत बनाए जाने तथा सबके लिए मकान के लक्ष्य के मद्देनजर सस्ते आवास योजनाओं के लिए कर्ज आदि की शर्तें अधिक अनुकूल बनाए जाने की संभावना है.
बजट में जनता को मिलेगा तोहफा!
आवास एवं जमीन जायदाद विकास क्षेत्र से जुड़े संगठनों ने सरकार से इस क्षेत्र को कर में सहूलियत और कर्ज सस्ता करने के सुझाव दिए हैं. रीयल एस्टेट अधिनियम-2016 के प्रावधानों को लागू किए जाने और नोटबंदी के प्रभावों से निकलने के लिए अब भी संघर्ष कर रहे इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले बजट में किफायती दर के मकानों की परियोजनाओं को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिया था.
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रियल एस्टेट उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि आवास एवं जमीन जायदाद विकास क्षेत्र रोजगार की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण हैं ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि चुनावों से पूर्व अपने आखिरी बजट में वित्त मंत्री इस क्षेत्र को कर और पूंजी की दृष्टि से कुछ प्रोत्साहन दे सकते हैं.
जमीनी कारोबार में लगी कंपनियों की मांग है कि घरों पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाए और जीएसटी लागू करते समय घर की कुल कीमत में जमीन की कीमत की छूट को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया जाए. नारेडको ने सुझाव दिया है कि पूरे आवासीय क्षेत्र को पीएमएवाई के तहत 30 से 150 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले घरों को, आईटी अधिनियम 2016 की धारा 80 आईबीए के दायरे में लाया जाना चाहिए, जो फिलहाल 60 वर्ग मीटर तक की कारपेट एरिया तक ही सीमित है.
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नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार ने एक बयान में कहा था, ‘‘सरकार को डेवलपर्स तक फंड्स की बेहतर पहुंच निश्चित करने में मदद करनी चाहिए साथ ही क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए घर खरीदारों के लिए अधिक प्रोत्साहनों की भी घोषणा करनी चाहिए.”
आपको बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर इस समय काफी कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है.