आज से शुरु हो रहा है होलाष्टक, भूलकर भी ना करें ये काम

आज से होली की रात तक कुछ काम है, जो नहीं करने चाहिए. 23 फरवरी से होलाष्टक लग गया है. हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है. पूर्णिमा से 8 दिन पहले यानी फाल्गुन के मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक शुरु हो जाते हैं. इस बार एक मार्च को होलिका दहन होगा. होलाष्टक में शुभ काम करना वर्जित है.

होलाष्टक

इस दौरान किए गए शुभ काम सफल नहीं हो पाते हैं और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. होलाष्टक में ये काम नहीं करने चाहिए.

ऐसी मान्यता है कि दैत्यराज हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए दैत्यराज ने उस समय फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से भक्त प्रह्लाद को बंदी बना लिया था और यातनाएं दी थी. इसके बाद पूर्णिमा पर होलिका ने भी प्रह्लाद को जलाने का प्रयास किया. लेकिन वह स्वयं ही जल गई और प्रह्लाद बच गए. होली से पहले इन आठ दिनों में प्रह्लाद को यातनाएं दी गई थीं. इस कारण इस समय को होलाष्टक कहा जाता है.

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ज्योतिष की मान्यता है कि इन दिनों में सभी नौ ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है और उनसे शुभ फल नहीं मिल पाते हैं. इसी वजह से होलाष्टक में ये सभी काम नहीं किए जाते हैं.

ना करें ये काम

होली में किए गए पूजा-पाठ से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. अगर आप महालक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो होली तक घर में शांति बनाए रखें. किसी भी प्रकार का वाद-विवाद न करें.

होलाष्टक के दिनों में शुभ काम जैसे विवाह, सगाई, नए घर में प्रवेश, मुंडन, गोद भराई आदि नहीं करना चाहिए.

सुबह देर तक सोने से बचना चाहिए. सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं. इस बात का ध्यान नहीं रखेंगे तो आलस्य बढ़ेगा और देवी-देवता की कृपा नहीं मिल पाएगी.

पति-पत्नी को संयम रखना चाहिए. इस दौरान बने संबंध से पैदा होने वाली संतान को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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