आज का इतिहास : इन्होंने दी हिन्दी और संस्कृत को नई पहचान

आज का इतिहासआज का इतिहास में आचार्य बलदेव उपाध्याय हिन्दी के बारे में जानिए। आचार्य बलदेव उपाध्याय हिन्दी और संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान, साहित्यकार, निबन्धकार तथा समालोचक थे। इनका जन्म 10 अक्टूबर 1899 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इन्होंने अनेकों ग्रन्थों की रचना की, निबन्धों का संग्रह प्रकाशित किया। साथ ही संस्कृत वाङ्गमय का इतिहास लिखा। वे संस्कृत साहित्य की हिन्दी में चर्चा के लिए जाने जाते हैं। इनके पूर्व संस्कृत साहित्य से सम्बन्धित अधिकांश पुस्तकें संस्कृत में हैं या अंग्रेजी में।

आचार्य बलदेव उपाध्याय को भारत सरकार द्वारा सन 1984 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

आज का इतिहास

1999 – चेचेन्या में इस्लामिक भूरा ने दागिस्तान को स्वतंत्र घोषित किया।

2000 – श्रीलंका में सिरीमावो भंडारनायके का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा, आर. विक्रमानयके श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री नियुक्त, जिनेवा में आत्मनिर्णय के अधिकार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन।

2001 – अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को रूस का सशर्त समर्थन।

2004 – संयुक्त राष्ट्र और सूडान के बीच दारफुर कार्ययोजना पर हस्ताक्षर।

2006 – तमिल विद्रोहियों पर फ़ौजी कार्रवाई में श्रीलंका में 50 नागरिक मारे गये।

2008 – अमरनाथ ज़मीन सुलझाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनीधिमण्डल की बैठक में उच्च न्यायालय के वर्ष 2005 के आदेश को लागू करने पर सहमति बनी। चेन्नई के एक लैब में एंटी एड्स बैक्सीन का सफल परीक्षण किया गया।

10 अगस्त को जन्मे व्यक्ति

1860 – विष्णुनारायण भातखंडे – ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत’ के विद्वान

1894 – वी. वी. गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति।

1963 – फूलन देवी, भारतीय डाकू।

10 अगस्त को हुए निधन

1999 – पद्म भूषण आचार्य बलदेव उपाध्याय, भारतीय संस्कृत विद्वान।

1995 -हरिशंकर परसाई, प्रसिद्ध लेखक और व्यंग्यकार

1977 – श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’, झण्डा गीत ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ के रचयिता

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