जानिए कौन है वो एक साइकिल वाला आईआईटी प्रोफेसर
नई दिल्ली। “मन की शांति के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है” इस बात को आलोक सागर नामक एक आईआईटी प्रोफेसर ने साबित कर दिखाया है। आलोक चाहते तो कुछ भी बन सकते थे, कितना भी पैसा कमा सकते थे, लेकिन उन्होंने मुश्किलों से भरा हुआ जीवन चुना।
इस बात का खुलासा पिछले साल हुआ था जब, बैतूल जिला चुनाव के दौरान स्थानीय अधिकारियों को आलोक पर संदेह हुआ और उन्हें बैतूल से चले जाने के लिए कहा गया।
तब आलोक ने जिला प्रशासन के सामने अपनी विभिन्न शैक्षिक योग्यता की लंबी सूची का खुलासा किया। लेकिन अधिकारी तब आश्चर्य चकित रह गये, जब सत्यापित करने पर उनकी सभी योग्यताएं 100 फीसदी सही पायी गयी।
आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ परास्नातक (masters) डिग्री और ह्यूस्टन से पीएचडी करने वाले आलोक पूर्व आईआईटी प्रोफेसर हैं। साथ ही आलोक आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के प्रोफेसर भी रह चुके है।
लेकिन आलोक आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करना चाहते थे। जिसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से अपने प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया।
चौकिए गा मत दरअसल इस बात को 32 साल हो चुके है, लेकिन आलोक आज भी मध्य प्रदेश के बेतुल और होशंगाबाद जिलों के आदिवासी गांवों में रहकर देश दुनिया की बातें छोड़ कर खामोशी से अपना काम कर रहे हैं।
आलोक की सादगी उनके जीवन को सचमुच प्रेरणादायक बनाती है।
आलोक के पास सिर्फ तीन कुर्ते और एक साइकिल है। वे आज भी अपना पूरा दिन बीज इकट्ठा करने और उसे आदिवासियों के बीच वितरित करने में लगाते हैं।
आलोक कहते है कि, ‘भारत में, लोग इतनी सारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन वे लोगों की सेवा करने और कुछ अच्छा काम करने की बजाय अपने आप को सबसे अधिक बुद्धिमान और बेस्ट साबित करने में लगे हुए हैं।’