अमेरिका पर बड़ा साइबर अटैक : हैकर्स के कब्जे में 100 GB डाटा, आपातकाल हुआ घोषित

किसी देश पर हुए साइबर अटैक के कारण देश में आपातकाल लगने की खबर शायद ही आपने पहले पढ़ी हो। लेकिन अमेरिका में ऐसा हो चुका है। इस साइबर अटैक के बाद अमेरिका सरकार ने आपातकाल का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक है।

अमेरिका की सबसे बड़ीं ईंधन पाइपलाइन पर यह साइबर हमला हुआ है। वहीं जानकार बताते हैं कि यह हमला कोरोना महामारी की वजह से हुआ है क्योंकि इस पाइपलाइन के अधिकृत इंजीनियर इस समय घरों से कंप्यूटर पर ही काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है। अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में डीजल गैस और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन से होती है। पाइपलाइन पर साइबर अपराधियों की एक गैंग ने शुक्रवार को हमला किया। जिसके बाद इसकी मरम्मत का कार्य अभी भी जारी है। वहीं इस इमरजेंसी के ऐलान के बाद अब यहां ईंधन की सप्लाई पाइपलाइन की जगह सड़क मार्ग से हो रही है।

जानकार बताते हैं कि इस वजह से ईंधन की कीमते 23- फीसदी तक बढ़ जाएंगी। हालांकि अगर इसे जल्दी बहाल न किया गया तो इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। मीडिया रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यह रैन्समवेयर हमला डार्कसाइड नाम के साइबर अपराधी गिरोह ने किया। उन्होंने गुरुवार को कोलोनियल नेटवर्क में सेंध लगाई और तकरीबन 100 जीबी डेटा को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद हैकरों ने कुछ कंप्यूटर और सर्वरों पर डाटा को लॉक कर दिया। इसके बाद शुक्रवार को फिरौती की मांग की गयी। इसी के साथ धमकी की गयी कि अगर उन्हें पैसे नहीं दिए जाते हैं तो वह डेटा को इंटरनेट पर लीकर कर देंगे।

फिलहाल मीडिया रिपोर्टस में ही कंपनी के हवाले से बताया गया है कि सेवाओं को बहाल करने के लिए पुलिस, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और ऊर्जा विभाग के संपर्क में हैं। रविवार रात को जानकारी दी गयी थी कि 4 मुख्य लाइनें ठप्प हैं। इसी के साथ टर्मिनल से डिलीवरी प्वाइंट तक ले जाने वाली कुछ छोटी लाइनें काम करने में लगी हैं।

LIVE TV