अनुच्छेद 370 पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, चीफ जस्टिस बोले- ये कैसी याचिका है

नई दिल्ली। बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लगे अनुच्छेद 370 को हटकार भले ही ऐतिहासिक कदम उठाया है लेकिन इसपर कई लोगों ने सवाल भी उठाया है बता दें इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

जिस पर शुक्रवार को सुनवाई के समय मुख्य न्यायाधीश(CJI) रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ता एमएल शर्मा को फटकार लगाते हुए कहा कि ये कैसी याचिका है, आप दोबारा याचिका दायर कीजिए।

अब अगर याचिकाकर्ता दोबारा से इसपर याचिका दायर करते हैं तो इसपर सुनवाई अब अगले हफ्ते हो सकती है।

दरअसल धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ कुल 7 याचिकाएं दायर की गई थी। जिसमें से 4 याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट ने कामियां पाईं। इन चार याचिकाओं में से पहली याचिका अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया गया है। जिसपर सुनवाई करते हुए CJI रंजन गोगोई ने फटकार लगाते हुए कहा कि ये किस तरह की याचिका है। मुझे नहीं समझ नहीं आ रही है। उन्होंने पूछा कि याचिकाकर्ता कैसी राहत चाहते हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज दो याचिकाओं पर सुनवाई किया। पहली याचिका में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया गया, वहीं दूसरी याचिका में कश्मीर में पत्रकारों से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग की गई। पहली याचिका एमएल शर्मा ने डाली, जिसमें कहा गया है कि सरकार ने आर्टिकल 370 हटाकर मनमानी की है, उसने संसदीय रास्ता नहीं अपनाया, राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा कितनी याचिकाएं हैं जो जम्मू-कश्मीर को लेकर दाखिल की गई हैं। इसपर जवाब दिया गया कि 6 याचिकाएं दाखिल हुई है। लेकिन 4 याचिकाएं अभी भी डिफेक्ट में है। बाकी बची 2 याचिकाओं में डिफेक्ट दुरुस्त नहीं हुआ है।

इस जवाब पर CJI ने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि इस इतने गंभीर मामले में भी लोग बिना सोचे समझे डिफेक्टिव याचिका दाखिल कर रहे हैं। CJI ने कहा कि हमने सुबह पेपर में पढ़ा है कि लैंडलाइन सर्विस शुरू ही गई है।

सीजीआई ने एमएल शर्मा से पूछा कि आपकी याचिका क्या है? डिटेल बताने पर चीफ जस्टिस बोले कि आपकी याचिका टेक्निकल ग्राउंड पर खारिज हो जाएगी। इस तरह के मामले में आप ऐसी याचिका क्यों दाखिल करते हैं। इस मामले में 7 याचिका दाखिल हुई है वो डिफेक्ट में है। अगर आपकी याचिका खारिज होती है तो दूसरी याचिकाओं पर प्रभाव पड़ेगा। सीजीआई ने कहा कि आप याचिका को वापस लें और संशोधित याचिका दाखिल करें।

वहीं पाबंदियों को लेकर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदेश में सभी न्यूज पेपर रिलीज हो रहे हैं आखिर कश्मीर टाइम्स क्यों नहीं। हम रोज ही थोड़ा-थोड़ा कर के पाबंदियां घटा रहे हैं। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हर रोज हम परिस्थितियों को देखकर ढील दी रहे हैं. सुरक्षा बलों पर भरोसा रखिए।

अगर ये लक्षण दिख रहें हैं अपने बच्चों में तो हो जाएं सावधान! उनको भी हो सकता है ये डिसऑर्डर

इससे पहले दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का मामला संवेदनशील है, इस पर केंद्र सरकार को थोड़ा वक्त देना होगा।

LIVE TV