अगर मैदान पर किया बुरा बर्ताव तो बल्लेबाज हो सकता है ‘आउट’

cookलंदन। क्रिकेट की नियामक संस्था मेलबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने खेल के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के तहत मैदान पर बुरा व्यवहार करने वाले खिलाड़ी को अंपायर मैदान से बाहर भी भेज सकता है। एमसीसी ने इन नियमों को अंतिम मंजूरी दे दी है, हालांकि यह नियम क्रिकेट में तभी लागू होंगे जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इन्हें अपनी मंजूरी दे दे।

एमसीसी ने बल्ले के आकार को लेकर भी नियमों में बदलाव किया है और रन आउट के पुराने नियम में भी संशोधन किया है।

वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो ने एमसीसी के जॉन स्टेपहेंसन के हवाले से लिखा है, “हमने सोचा है कि अब बुरा व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों पर नकेल कसने का सही समय आ गया है। एक शोध से हमें पता चला है कि जमीनी स्तर पर अंपयार की संख्या खिलाड़ियों के बुरे व्यवहार के कारण ही कम हो रही है।”

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह नए नियम उन्हें अनुशासन को बनाए रखने में मदद करेंगे।”

नए नियमों के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी बुरे व्यवहार के लिए लेवल-1 का दोषी पाया जाता है तो उसे पहले चेतावनी दी जाएगी और दूसरी बार पांच रनों का जुर्माना लगाया जाएगा। लेवल-2 के नियम के तहत बुरे व्यवहार पर सीधे पांच रनों का जुर्माना लगेगा। अगर आईसीसी इन बदलावों को मंजूरी दे देती है तो अंपायर खिलाड़ी को बुरे व्यवहार के कारण मैदान से बाहर भी भेज सकते हैं।

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बल्ले के साइज को लेकर काफी चर्चा चली। एमसीसी ने बल्ले के लिए पैमाना निर्धारित करते हुए चौड़ाई 108 मिलीमीटर (एमएम) और लंबाई 67 मिलीमीटर तय किया है, साथ ही बल्ले के किनारों के लिए 40 मिलीमीटर की मोटाई तय की है।

स्टेपसन ने कहा, “हालिया दौर में बल्ले के आकार को लेकर काफी विश्लेषण और चर्चाएं हुईं। हमारा मानना है कि तय किए गए नए पैमाने बल्ले और गेंद में संतुलन लाएंगे।”

रन आउट नियम में भी एमसीसी ने बदलाव किया है जो बल्लेबाजों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। बल्लेबाज उस स्थिति में आउट नहीं होगा जब उसका बल्ला या उसके शरीर का कोई हिस्सा क्रीज में पहुंच जाए, लेकिन गिल्लियां गिरने के समय हवा में हो।

एमीसीसी के बयान के अनुसार, “बल्लेबाज का बल्ला या उसके शरीर का कोई भी हिस्सा क्रिज में जाने के बाद जमीन से ऊपर उठ जाता है और उसी समय यदि गिल्लियां बिखेर दी जाती हैं तो ऐसी स्थिति में बल्लेबाज रनआउट करार नहीं दिया जाएगा।”

विवादित मांकड़ आउट में भी एमसीसी ने बदलाव किए हैं। एमसीसी के बदलाव के मुताबिक गेंदबाज गेंद फेंकने की स्थिति से पहले बल्लेबाज को गेंदबाजी छोर पर रन आउट कर सकता है। हालांकि आईसीसी का मौजूदा निमय कहता है कि गेंदबाज गेंद छोड़ने से पहले रन आउट कर सकता है।

एमसीसी ने आउट होने के तरीकों की संख्या घटाकर 10 से नौ कर दी है। गेंद को हाथ से रोकने पर दिया जाने वाला ‘हैंडल्ड दी बॉल’ आउट अब ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ में गिना जाएगा।

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