अंसल बिल्डर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी का दर्ज किया मामला

अंसल बिल्डर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। गुरुग्राम में एक रिहायशी सोसायटी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाए, लेकिन फ्लैट बनाकर नहीं दिए। कुल 700 फ्लैट के प्रोजेक्ट के 60 से ज्यादा निवेशकों ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी थी। इस पर जांच के बाद दिल्ली के केजी मार्ग स्थित अंसल प्रॉपर्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, इसके चेयरमैन सुशील अंसल, उप चेयरमैन प्रणव अंसल सहित कई अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज किए गए हैं। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

गुरुग्राम के पालम विहार निवासी रहमान खान सहित 60 से ज्यादा निवेशकों ने अंसल बिल्डर के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि अप्रैल 2011 में गुरुग्राम के सेक्टर-91 में फर्नहिल नाम से एक रिहायशी योजना की घोषणा की गई थी। इसमें निवेश के लिए लगभग 31 फीसद भुगतान एडवांस में लिया गया। पैसा लेने के बाद तीन साल तक योजना पर कोई काम नहीं हुआ।

निवेशकों ने जब बिल्डर के दफ्तर में चक्कर काटे, तो जुलाई 2013 में अनुबंध तैयार किया गया। इसके तहत 56 माह में फ्लैट का कब्जा देना तय था। अनुबंध के एक साल बाद जुलाई 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ और बिल्डर ने निर्माण शुरू होने के दिन से 56 माह की समय सीमा निर्धारित की गई, जबकि नियमों के मुताबिक अनुबंध के दिन से ही काम पूरा करने की समय सीमा शुरू हो जाती है।

इतना ही नहीं, 56 माह गुजरने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ। अभी तक केवल 30 फीसद निर्माण कार्य ही हो पाया है। अभी भी कई निवेशक निर्माण कंपनी के चक्कर काट रहे हैं। आरोप है कि फ्लैट खरीदारों की मेहनत की कमाई के करीब 500 करोड़ रुपये कंपनी ने दबा रखे हैं।

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