शर्मनाक : राज्य में दुष्कर्म के लिए सबसे कठोर कानून, फिर भी ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ से एक दिन पहले 4 साल की बच्ची से रेप

देहरादून। एक ओर जहां पूरा विश्व 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियां कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तरखंड से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। प्रदेश के टिहरी जिले में चार साल की मासूम के साथ जो घटना घटित हुई उससे सभी का सिर शर्म से नीचे हो जाएगा।

उत्तराखंड के टेहरी जिले में एक चार वर्षीय बच्ची के साथ उसके एक नाबालिग रिश्तेदार द्वारा दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के बाद बुधवार को बच्ची को खून से लथपथ पाया गया और उसके परिजन बिना पुलिस को सूचित किए उसे देहरादून के दून अस्पताल ले गए।

डॉक्टरों ने मामले की एफआईआर दर्ज नहीं होने के आधार पर बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया। बाद में अस्पताल पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने डॉक्टरों से तत्काल बच्ची का उपचार करने को कहा।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पीड़िता को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। कुमार ने कहा कि उन्होंने इस बाबत रिपोर्ट मांगी है कि क्या डॉक्टरों ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

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बता दें कि पिछले साल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में किसी भी नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को मौत की सज़ा देने की घोषणा कर दी थी। राज्य में रेप पर ऐसे कठोर कानून होने के बावजूद अगर ऐसी घटना सामने आती है तो ये बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है।

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किसी भी दिन दुष्कर्म के मामले शर्म का विषय हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले इस तरह की घटना सवाल खड़ा करती है उन सभी सामाजिक दावों जो कहते हैं बेटियां हमारी सुरक्षित हैं, सशक्त हैं।

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