
भोपाल। भोपाल में आठ सिमी कार्यकर्ताओं से कथित मुठभेड़ मामले में सवालों का सामना कर रही मध्यप्रदेश सरकार अब इस मुठभेड़ की जांच नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) से नहीं कराएगी।
राज्य के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि एनआईए केवल सिमी सदस्यों के जेल से फ़रार होने की जांच करेगी।
राज्य सरकार भले ही मुठभेड़ की जांच से इनकार कर रही है लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आठ विचाराधीन क़ैदी की कथित पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत पर स्वंय संज्ञान लेते हुए इस मामल में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी, जेल के डीजी और आईजी को नोटिस जारी कर उनसे छह हफ़्ते में जवाब मांगा है।
एमपी के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जिन परिस्थियों में एनकाउंटर किया गया उसकी पूरी जानकारी पुलिस दे चुकी है इसलिये इसमें ज़्यादा बोला जाना ठीक नही है।
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की थी कि सिमी सदस्यों के जेल से भागने और उनके एनकाउंटर की जांच एनआईए करेगी।
माना जा रहा है कि सिमी कार्यक्रताओं के साथ मुठभेड़ को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए आधा दर्जन वीडियो आने के बाद पुलिस के एनकाउंटर के दावे शक के घेरे में आ गए हैं इसी वजह से सरकार मुठभेड़ की जांच एनआईए से कराने से पीछे हट रही है।
इधर राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर कई संगठनों ने भोपाल में कथित मुठभेड़ के विरोध में प्रदर्शन किया।