भारत की एंट्री रोकने के लिए एक हुए चीन और PAK

भारत की एंट्रीवॉशिंगटन| भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में जाने से रोकने के लिए चीन और पाकिस्तान ने हाथ मिला लिया है। चीन ने भारत की एंट्री रोकने के लिए पाकिस्तान की नॉन-स्टार्टर पोजिशन का इस्तेमाल किया है। चीन  ने पाक का पक्ष लेते हुए कहा है कि एनएसजी में या तो दोनों देशों को एंट्री मिले या किसी को भी नहीं।

25-26 अप्रैल को एनएसजी पार्टिसिपेटिंग गवर्नमेंट्स (PGs) के प्रोग्राम में भारत ने मेंबरशिप के लिए एक फॉर्मल प्रेजेंटेशन दिया था। बैठक में पाकिस्तान ने भी इसी तरह का प्रेजेंटेशन दिया था।

भारत की एंट्री में लगाया रोड़ा

जिस के बाद चीन ने समानता के आधार पर पाकिस्तान का सपोर्ट किया है| चीन ने अपने बयान में कहा कि या तो दोनों की एप्लिकेशन मानी जाएं या किसी की भी नहीं।

जून में एनएसजी के प्लेनरी सेशन में भारत के एप्लिकेशन पर चर्चा होगी। ऐसा माना जा रहा है कि पाक ने चीन का इसलिए ही सहारा लिया है कि वह ग्राउंड्स ऑफ पैरिटी (समानता) के आधार के बेसिस पर भारत की एंट्री बैन करा सके।

नवंबर 2015 में पाक प्रेसिडेंट ममनून हुसैन चीन के दौरे पर गए थे। इस दौरे में ही चीन ने साफ किया था कि अगर भारत एनएसजी की मेंबरशिप मांगेगा तो चीन पाकिस्तान के लिए भी इसकी मांग करेगा। चीन ने हुसैन से कहा, “अगर भारत के लिए हां और पाकिस्तान के लिए ना हुई तो वह वीटो कर भारत की एंट्री ब्लॉक कर देगा।”

वहीँ एनएसजी में भारत की एंट्री रोकने के मामले में अमेरिका ने इसे चीन का गेम बताया है। अमेरिका का कहना है कि भारत के एटमी हथियारों पर रोक लगाने के भारत के दावे की पाकिस्तान के साथ तुलना ही नहीं की जा सकती।

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