मोदी की लखनऊ रैली में होगा बदलाव, नोटबंदी बनी दिक्कत

 

नोटबंदी का असर नई दिल्ली। नोटबंदी का असर भाजपा की चुनावी तैयारियों पर भी पड़ने लगा है। पार्टी ने परिवर्तन यात्रा के समापन अवसर पर 24 दिसंबर को आयोजित होने वाली पीएम मोदी की रैली में बदलाव के संकेत दिए हैं। अब रैली के लिए नई तिथि तय होगी। बड़ी रैली के बजाय भाजपा का जोर साधारण रैलियों पर होगा।

नोटबंदी के असर से भाजपा की चुनावी रणनीति में हुए बदलाव का जिक्र करते हुए पार्टी के एक नेता ने बताया कि परिवर्तन यात्रा के दौरान यूपी के सभी महानगरों में होने वाली पीएम की मेगा रैलियों के आयोजन में बदलाव किया गया है। इस प्रयास में यात्रा के अंतिम दिन 24 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली पीएम मोदी की मेगा रैली के आयोजन कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। इस रैली के लिए नई तारीखों पर नजर दौड़ाई जा रही है।

एक पक्ष मोदी की लखनऊ रैली को जनवरी में आयोजित करने के पक्ष में है। वहीं, दूसरा पक्ष परिवर्तन यात्रा के दौरान 5 से 7 दिसंबर के दौरान मोदी की रैली कराने के पक्ष में है। दलील दी जा रही है कि इस वक्त पार्टी की चारों परिवर्तन रैलियां लखनऊ के करीब होंगी। ऐसे में अलग-अलग ताकत झोंकने के बजाय लखनऊ में मोदी की प्रदेश स्तरीय रैली का आयोजन हो सकता है।

हालांकि, पार्टी नेता मोदी की रैली में हुए बदलाव को नोटबंदी का असर होने के बजाय चुनावी रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं। मगर सूत्र बताते हैं कि महानगर में रैलियों के दौरान भीड़ की मनमाफिक संख्या न आने के वजह से पार्टी ने मैगा रैलियों के बजाय साधारण रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया है।

सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी की मेगा रैलियों की शुरूआत दोबारा से जनवरी में शुरू होंगी। तब तक सामान्य रैलियां ही चलेंगी। वैसे विपक्ष की ओर से मोदी की मेगा रैलियों पर सवाल भी उठने लगे हैं। विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी की मार के बीच मोदी की रैलियों के लिए भाजपा को धन कहां से आ रहा है।

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