UP के शाहजहांपुर में हुआ ‘करन-अर्जुन’ का जन्म, बातें सुनकर आपके भी उड़ जायेंगे होश

वैसे तो पुनर्जन्म को लेकर पौराणिक मान्यताओं और मॉडर्न साइंस में आज भी विरोधाभास जारी है। जहां एक ओर भारतीय शास्त्रों में पुनर्जन्म की बात का जिक्र मिलता है वहीं मॉडर्न साइंस में इसे लेकर अभी भी संदेह की स्थिति बनी हुई है।

'करन-अर्जुन' का जन्म

इतना ही नहीं पुनर्जन्म को लेकर बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में भी कई फ़िल्में बन चुकी है। इसके अलावा ऐसे कितने ही वाकये सामने आए है जहां लोगों ने अपने पिछले जन्म की बात कही। ऐसा ही एक मामला शाहजहांपुर से सामने आया है। जहां दो जुड़वा भाई अपने पुनर्जन्म की बात कर रहे हैं।

घटना जनपद के थाना खुटार के बगिनाथ की है। जहां दो जुड़वा भाई अपने पुनर्जन्म की बात कह रहे हैं। दोनों का दावा है कि पिछले जन्म में वे चचेरे भाई थे और उनकी मौत तालाब में डूबने से हुई थी। यह खबर जंगल की आग की तरह फ़ैल गई है और लोग दोनों की बातों को सुनकर आश्चर्यचकित है।

दरअसल, सुखवीर सिंह के 15 वर्षीय बेटे सौरभ सिंह और सुखवीर के छोटे भाई अरुण सिंह के 14 वर्षीय बेटे ओमी में गहरी दोस्ती थी। तीन अगस्त 2010 को दोनों की तालाब मे नहाते समय डूबकर मौत हो गई।

सौरभ और ओमी की मौत के लगभग 10 माह बाद मोहल्ला बगियानाथ निवासी बिजेंद्र के घर जितेश और 15 मिनट बाद ही दूसरे पुत्र नितेश ने जन्म लिया। जुड़वा बच्चे जब बोलने लायक हुए तो वह कस्बे के ही कोट मोहल्ले में अपना पुराना घर होने और पिछले जन्म में सगे चचेरे भाई होने की बात करने लगे।

दोनों यह भी बताने लगे कि पिछले जन्म में उनकी मौत डूबने से हुई थी। तीन माह पूर्व दोनों बच्चे अपने पिछले जन्म के घर के सामने जा पहुंचे। एक बच्चे ने सुखवीर सिंह को देखकर कहा कि यह मेरे पापा हैं। यह सुनकर सुखवीर हैरत में पड़ गए।

बच्चों को घर ले जाया गया तो उन्होंने पूर्वजन्म की मां सहित परिवार के अन्य लोगों को पहचान लिया। फोटो एलबम में भी उन्होंने परिवार के कई सदस्यों की पहचान की तो सब हैरान रह गए। अब घर वाले दोनों की बात को हकीकत मान रहे हैं।

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सुखबीर सिंह और अरूण सिंह का कहना है कि दोनों बच्चे घर की काफी वस्तुएं, पुराने मकान में अपना कमरा और परिवार के लोगों को पहचान रहे हैं। उन्होंने उस तालाब की भी पहचान की है जहां उनकी मौत हुई थी।

इस खुलासे से परिवार के लोगों को बच्चों से काफी स्नेह हो गया है। बिजेंद्र के परिवार के लोग भी मानते हैं कि दोनों बच्चे अपने को पूर्वजन्म का सौरभ और ओमी बता रहे हैं और अक्सर अपने घर जाने की बात कहते हैं। वहीं नितेश अपने को सौरभ और जितेश खुद को ओमी बताता है। इस अदभुत नजारे को देखकर घर वाले ही नहीं बल्कि आस पास के लोग भी दांतों तले उंगली दबा रहे हैं।

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