साढ़े पांच घंटे बहस के बाद साइकिल पर चुनाव आयोग का फैसला सुरक्षित

साइकिल चुनाव चिन्हनई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में साइकिल चुनाव चिह्न को लेकर मुलायम और अखिलेश गुट के बीच चल रही खींचतान का पटाक्षेप शुक्रवार को भी नहीं हो सका। चुनाव आयोग ने साइकिल पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आयोग ने कहा है कि मामले में वह जल्द ही कोई फैसला लेकर सूचित करेगा।

मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के समक्ष अखिलेश गुट का पक्ष अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर आयोग में साढ़े पांच घंटे बहस चली। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

हालांकि समाजवादी पार्टी का अखिलेश गुट साइकिल चुनाव चिन्ह मिलने को लेकर आश्वस्त है। मुख्यमंत्री के वकील सुमन राघव ने कहा कि पार्टी के अधिकांश सांसद और विधायक अखिलेश के साथ हैं, इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह हम लोगों को मिलना चाहिए।” राघव ने कहा, “हम आश्वस्त हैं कि निर्णय हमारे पक्ष में होगा।” सुनवाई के लिए हालांकि मुख्यमंत्री यहां नहीं आए थे, लेकिन उनके सिपहसलार रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और नीरज शेखर उपस्थित थे।

गौरतलब है कि सपा में जारी संकट के बीच सबसे पहले मुलायम सिंह यादव और फिर अखिलेश खेमे ने चुनाव आयोग में चुनाव चिह्न् पर दावा ठोका था। मुलायाम ने कहा है कि पार्टी उन्होंने बनाई है इसलिए पहला हक उनका है। अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव ने छह जनवरी को अखिलेश के समर्थक नेताओं की सूची सौंपी थी। उन्होंने बताया था कि 229 में से 212 विधायकों, 68 में से 56 विधान परिषद सदस्यों और 24 में से 15 सांसदों ने अखिलेश को समर्थन देने वाले शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

रामगोपाल ने कहा था कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है। चुनाव चिह्न् साइकिल इसी खेमे को मिलनी चाहिए। बता दें कि चुनाव चिह्न् साइकिल पर दावेदारी के लिए मुलायम और अखिलेश खेमा चुनाव आयोग के कार्यालय गया था, जिस पर आयोग ने दोनों खेमों को नौ जनवरी तक समर्थक विधायकों की सूची शपथ पत्र के माध्यम के जरिए जमा कराने को कहा था।

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