चीन की अमेरिका को खुली चुनौती, हमको रोका तो कर देंगे सफाया

अमेरिका बीजिंग। दक्षिण चीन सागर पर अमेरिकी नीतियों से चीन इस कदर बौखला गया है कि उसने अमेरिका को युद्ध की धमकी दी डाली है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रेक्स टिलरसन के उस बयान पर यह तेवर दिखाए हैं जिसमें उन्होंने चीन को दक्षिण चीन सागर खाली करने के लिए स्पष्ट संकेत देने की बात कही थी।

टिलरसन को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री पद के लिए नामित किया है। ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार के अपने संपादकीय में लिखा है कि यदि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन को आने से रोकना चाहता है तो उसे बड़े स्तर पर युद्ध लड़ना होगा।

चीनी अखबार के मुताबिक यदि एक विशाल परमाणु शक्ति को अमेरिका उसी के इलाके से हटाना चाहता है तो वह फिर अपनी परमाणु रणनीतियों को कस लें। चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाकर टिलरसन अपनी नियुक्ति की पुष्टि की संभावना बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन, उन्हें मंत्रीपद मिलेगा ही नहीं और नियुक्ति पर कांग्रेस वीटो कर देगी।

टिलरसन का बयान

सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने टिलरसन ने बुधवार को कहा था, दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियां चिंता पैदा करती है। इस इलाके में द्वीप का निर्माण बंद करने और कृत्रिम द्वीपों को खाली करने का हम उसे स्पष्ट संकेत भेजेंगे। चीन को दखल की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने ताइवान के साथ मजबूत संबंधों की भी पैरवी की थी। हालांकि “एक चीन” नीति में बदलाव से इन्कार किया था।

ऊर्जा स्रोतों का भंडार है दक्षिण चीन सागर

ऊर्जा स्रोतों से भरपूर दक्षिण चीन सागर से सालाना 5000 अरब डॉलर (करीब 3.40 लाख रुपये) का कारोबार होता है। चीन इस पूरे क्षेत्र पर अपना एकाधिकार जताता है। उसने कृत्रिम द्वीप बना रखे हैं। फिलीपींस, मलेशिया, ताइवान, वियतनाम, ब्रूनेई भी इसके अलग-अलग हिस्सों पर दावा करते हैं।

पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने चीन का एकाधिकार खारिज कर दिया था। फैसले को ठुकराते हुए चीन ने अपनी गतिविधियां तेज कर रखी है। अमेरिका का कहना है कि चीन को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।

LIVE TV